कतर: नौसेना के पूर्व 8 जवानों को कोर्ट ने 26 अक्टूबर को जासूसी के मामले में फांसी की सजा सुनाई. इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और विस्तृत फैसले की कॉपी का हम इंतजार कर रहे हैं.
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साथ ही मंत्रालय ने कहा, ''हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के
संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. इस मामले को बहुत महत्वपूर्ण
मानते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना
जारी रखेंगे. फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएंगे.''
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि ये आठ लोग कतर में स्थित अल
दहारा कंपनी (Al Dahra Company) में काम करते हैं. दरअसल, कतर (Qatar) में ये आठ भारतीय पिछले साल अक्टूबर 2022
से कैद में हैं.
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विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति
के कारण फिलहाल कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। कतर में भारत के राजदूत ने
राजनयिक पहुंच मिलने के बाद एक अक्टूबर को जेल में बंद इन भारतीयों से मुलाकात की
थी.
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आरोप क्या है?
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कतर ने नौसना के
पूर्व जवानों पर आरोप लगाया है कि वो सबमरीन प्रोग्राम को लेकर जासूसी कर रहे थे.
भारत इनको काउंसलर एक्सेस के जरिए रिहा कराने की कोशिश में लगा हुआ था.
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