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Wednesday, September 20, 2023

जनपद में सफलतापूर्वक चला सघन मिशन इंद्रधनुष - 5.0 का दूसरा चरण

वाराणसी: जनपद में विशेष टीकाकरण अभियान सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 5.0 का दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक सफलतापूर्वक संचालित किया गया। राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण से छूटे जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को पूर्ण प्रतिरक्षित करने के लिए यह अभियान चलाया गया। इसमें लक्ष्य के सापेक्ष 91 प्रतिशत बच्चों व 101 प्रतिशत गर्भवती को प्रतिरक्षित किया गया। अभियान का तीसरा व अंतिम चरण नौ अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। 


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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि आईएमआई 5.0 के दूसरे चरण में लक्षित लाभार्थियों के सापेक्ष लगभग सभी बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित कर लिया गया है। शेष बच्चों व गर्भवती को नियमित टीकाकरण सत्र के दौरान कवर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनमानस की सुविधा के लिए नगरीय क्षेत्र के सभी सरकारी चिकित्सालयों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) में सातों दिन व 24 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) पर सोमवार को छोड़कर बाकी सभी दिन टीकाकरण किया जा रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में बुधवार व शनिवार को टीकाकरण सत्रों पर यह सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने अपील की है कि सभी परिजन जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती को समय से टीका लगवाएँ, जिससे वह गंभीर बीमारियों से बचे रहें।  

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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (प्रतिरक्षण) डॉ एके मौर्य ने बताया कि दूसरे चरण के लिए जनपद में छूटे हुये 17476 बच्चों व 3333 गर्भवती का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 15896 (91 प्रतिशत) बच्चों व 3368 (101 प्रतिशत) गर्भवती को टीका लगाया गया। इसी के अंतर्गत नौ से 12 माह के 3148 (92 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स-रूबेला की पहली डोज़ तथा 16 से 24 माह के 2768 (93 प्रतिशत) बच्चों को मीजल्स-रूबेला की दूसरी डोज़ लगाई गई। इसके अतिरिक्त नियमित टीकाकरण अभियान के अंतर्गत अप्रैल 2023 से अगस्त 2023 तक 35571 (44.3 प्रतिशत) बच्चों को पूर्ण प्रतिरक्षित किया जा चुका है। इसके साथ ही 31489 (33.4 प्रतिशत) गर्भवती को टिटनेस डिप्थीरिया का टीका लगाया चुका है। डॉ मौर्य ने ज़ोर देते हुये कहा कि डिप्थीरिया, पर्ट्युसिस (काली खांसी) और टिटनेस से अपने बच्चे को बचाने के लिए 16 से 24 माह पर डीपीटी की पहली बूस्टर डोज़ और पांच से छह साल पर दूसरी बूस्टर डोज़ अनिवार्य रूप से लगाएं।  

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गर्भवती को टीडी का टीका - गर्भावस्था के दौरान टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) के दो टीके लगाये जाते हैं। यह टीका गर्भवती को दिये जाने से उनका व उनके गर्भस्थ शिशु का टिटनेस व डिप्थीरिया (गलघोंटू) रोग से बचाव करता है। बच्चों को लगते हैं 11 तरह के टीके - मिशन इंद्रधनुष अभियान में बच्चों के लिए 11 वैक्सीन प्रिवेंटेबल डिज़ीज़ के टीकाकरण शामिल हैं, जिनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, क्षय (टीबी), हेपेटाइटिस-बी, मैनिंजाइटिस, निमोनिया हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप-बी संक्रमण, रोटावायरस वैक्सीन, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) और खसरा-रूबेला (एमआर) हैं।

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