वाराणसी: गर्भवती व बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को बेहतर करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का उच्चीकरण कर दिया गया है। योजना के तहत पूर्व में पहला बच्चा होने पर सरकार की ओर से पांच हजार रुपये की धनराशि दी जाती थी। लेकिन ख़ुशी की बात है कि अब दूसरी संतान बेटी होने पर भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत सरकार की ओर से छह हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मिशन शक्ति के अन्तर्गत उपयोजना सामर्थ्य के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है। योजना के अन्तर्गत आंशिक बदलाव भी किये गए हैं, जिसको अब पीएमएमवीवाई वर्जन 2.0 के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बताया कि योग्य लाभार्थी महिलाओं को योजना का लाभ लेने के लिए पहले आवेदन करना होगा। आवेदन में सभी तरह के आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। आवेदन सही पाए जाने के बाद ही उन्हें इस योजना का लाभ मिल पाएगा।
नोडल अधिकारी व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरिश्चंद्र मौर्या* ने बताया कि लाभार्थियों के प्रपत्रों का अंकन नए पोर्टल पर यू०आर०एल० pmmvy.nic.in पर किया जाएगा | पूर्व में लाभार्थियों को धनराशि 5000 रुपये का भुगतान तीन किश्तों में किया जाता था , जिसमें पहली किस्त 1000 रूपए गर्भ धारण के समय से पंजीकरण के बाद, दूसरी किस्त 2,000 रुपए प्रसव पूर्व जांच के उपरांत तथा तीसरी किस्त 2,000 रूपए बच्चे के जन्म के प्रमाण पत्रके बाद प्रदान की जाती थी। अब यह केवल दो किश्तों में देय होगी, जिसमें प्रथम किश्त 3000 रुपये एवं द्वितीय किश्त 2000 रुपए के रूप में लाभार्थी के पंजीकृत बैंक खाते में भेजी जाएगी। गर्भधारण से शिशु के जन्म से 570 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जाएगा वहीँ अब नई व्यवस्था के अन्तर्गत द्वितीय शिशु (बालिका) के लिए धनराशि 6000 रुपए दी जाएगी | इसमें शिशु के जन्म से 270 दिन के अन्दर लाभ के लिए पंजीकरण किया जाएगा द्वितीय शिशु (बालिका) यदि एक अप्रैल 2022 को या उसके बाद जन्म लेने की दशा में लाभ के लिए 30 सितम्बर 2023 तक पंजीकरण किया जा सकता है योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन pmmvy.nic.in पर किया जाएगा।
डॉ मौर्या ने बताया कि पूर्व में आशा, एएनएम व लाभार्थियों के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रपत्रों का अंकन डेटा एण्ट्री आपरेटर्स के माध्यम से किया जाता था, जिसे परिवर्तित कर योजना के दूसरे वर्जन में आशा व एएनएम के द्वारा किया जायेगा। आशा व एएनएम ऑनलाइन प्रपत्रों का अंकन करेगी। लाभार्थी द्वारा पूर्व की भाँति स्वयं भी अपने एवं अन्य के प्रपत्रों का अंकन पोर्टल पर किया जा सकेगा।
जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि पीएमएमवीवाई वर्जन 2.0 के लिए नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी व सीएचसी) के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम), ब्लाक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उनके द्वारा सभी आशा व एएनएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो लाभार्थियों का पंजीकरण करेंगी। उन्होंने बताया कि लाभार्थियों को पंजीकरण के लिए निम्न दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज होना चाहिए, तभी उसको योजना का लाभ मिल सकेगा।
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- महिलाएं जिनकी शुद्ध पारिवारिक आय आठ लाख रुपये प्रति वर्ष से कम हो।
- मनरेगा जॉब कार्ड धारक महिलाएं।
- महिला किसान जो किशन सम्मान निधि के तहत लाभार्थी हों।
- श्रम कार्ड धारक महिलाएं।
- आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के तहत महिला लाभार्थी।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ता।
- बीपीएल राशन कार्ड धारक महिला।
- जो महिलाएं आंशिक रूप से (40 प्रतिशत) या पूर्ण रूप से दिव्यांग हों।
- अनुसूचित जाति वर्ग की महिला।
- अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत राशन कार्ड धारक महिला लाभार्थी।
- इन सभी के अतिरिक्त लाभार्थी का आधार कार्ड व बच्चे का टीकाकरण कार्ड होना बेहद जरूरी है।
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