वाराणसी: हमारे देश में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) मनाया जाता है. आजादी के इस जश्न को देश में बड़े ही जश्न से मनाया जाता है. 15 अगस्त, 1947 को भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. आजादी के लिए भारत मां के कई वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया. यह दिन उन स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी याद करने का है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. यही कारण है कि यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. लाल किले की प्राचीर से फहराए जाने वाला तिरंगा हमारे देश की शान और गौरव का प्रतीक है.
15 अगस्त के दिन भारत का हर नागरिक देश भक्ति में डूबा होता है. अब 15 अगस्त आने में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में अभी से ही लोगों के अंदर उत्साह दिखना शुरु हो गया है. आज हम आपको यहां पर स्वतंत्रता दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताने वाले हैं.
कहां फहराया गया था पहली बार भारत का
झंडा ?
भारत का झंडा (National Flag) पहली बार कलकत्ता के पारसी बागान
स्क्वैर में 1906
में फहराया गया था. इस झंडे पर धार्मिक चिन्ह बने हुए थे और
आठ गुलाब बने थे. जिन पर
वंदे मातरम् लिखा हुआ था.
भारत और पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ लाइन की घोषणा
देश आजाद होने यानी 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच किसी सीमा रेखा का निर्धारण
नहीं हुआ था.
इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन के ऐलान के साथ हुआ.
कब मिली तिरंगा फहराने की इजाजत?
साल 2002 से पहले भारत की आम जनता को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस
के अलावा राष्ट्रीय ध्वज फहराने की परमीशन नहीं थी. साल 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैग कोड में बदलाव किया. इस बदलाव के
चलते आम लोगों को कभी भी झंडा फहराने की मंजूरी मिल गई.
क्या करते हैं जब फट जाता है तिरंगा
कई बार ऐसा होता है कि ध्वज फट
जाता है या किसी तरह की क्षति हो जाती है. तो ऐसी स्थिति के भी कुछ नियम हैं. यदि तिरंगा फट जाता है तो इसे दफनाया जा
सकता है या फिर अग्नि के हवाले किया जाता है. जब हम ये करते हैं तो इसके बाद मौन
रखा जाता है.
किसने फहराया था
15 अगस्त, 1947 को ध्वज ?
भारतीय प्रधानमंत्री हर स्वतंत्रता दिवस वाले दिन लाल किले से
झंडा फहराते हैं. लेकिन 15 अगस्त, 1947 को ऐसा नहीं हुआ था. लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के मुताबिक
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 16 अगस्त, 1947 को लाल किले से
झंडा फहराया था.
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