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आपको बता दे की 26 अगस्त को हुए जांच में अभी तक जिला बचत अधिकारी द्वारा कोई रिपोर्ट नही दी गयी है लेकिन उसके पहले ही अपने आप को समाजसेवी कहने वाले रामजीत यादव ने जांच रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया और सीडीओ के पास दोबारा जांच के लिए प्रार्थना पत्र जरूर डाल दिया इससे तो या जाहिर होता है कि यह समाज की भलाई नहीं अपनी रंजिश चुनावी हार का बदला लेने की उद्देश्य से किया जा रहा है क्योंकि अगर समाज की और ग्राम सभा की उन्नति देखना है तो उनको इस रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था उसके बाद अगर संतुष्ट नहीं थे तो प्रार्थना पत्र डाल सकते थे।
आपको बता दे की ग्राम सभा के लोगों आशीष गौड़, रामचंदर, नीरज, अखिलेश, अभिषेक, रिंकू गौतम, हीरामणि, इन्द्रेश, विनोद और प्रधान पति का कहना है कि इन्होंने चुनाव में हार जाने की वजह से अपने नाक के ऊपर ले लिया है और उन्होंने यह कहा है कि मैं इसका बदला लेने के लीए इस गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं होने दूंगा सब में बाधा डालता रहूंगा. इसीलिए शायद ग्राम प्रधान और गांव के लोगों ने जो कहा था इससे उनकी बातों में तो सच्चाई नजर आ रही है क्योंकि अगर यह समाजसेवी होते तो अधिकारियों के रिपोर्ट का इंतजार करते उसके बाद ही अगला कदम उठाते।
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