'भ्रष्टाचारी लोगों के साथ बैठेंगे पीएम मोदी?'
शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले शरद पवार की राष्ट्रवादी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. शरद पवार के लोग भ्रष्टाचारी और लुटेरे हैं, इस तरह से उन्होंने हजारों करोड़ का आंकड़ा रखकर बताया. आज तिलक पुरस्कार स्वीकार करते समय ये तमाम भ्रष्टाचारी वगैरह लोग पुणे में मोदी से सटकर बैठने वाले हैं और शरद पवार तो मोदी का सम्मान करेंगे. वो इस समारोह के मुख्य अतिथि हैं.
शरद पवार को भी सलाह
सामना में आगे लिखा गया है कि प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार के संबंध में अगर थोड़ी भी चिढ़ होती तो ‘ऐसे भ्रष्ट वगैरह लोगों के हाथ से मैं तिलक के नाम का पुरस्कार स्वीकार नहीं करूंगा और इनमें से एक भी व्यक्ति की मंच पर अथवा पंडाल में जरूरत नहीं होनी चाहिए’, ऐसा उन्हें आयोजकों को साफतौर पर कहना चाहिए था. मोदी कल तक जिन्हें भ्रष्ट मानते थे, वे मोदी का सम्मान करेंगे. मोदी उसे स्वीकार करेंगे. इसका दूसरा अर्थ ये है कि मोदी व उनके लोगों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप झूठे ही हैं और सिर्फ पार्टी तोड़ने के लिए ही उन्होंने आरोप लगाए.
दूसरा आश्चर्य यह है कि महीने भर पहले मोदी ने ही शरद पवार की पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और तुरंत उनकी पार्टी तोड़ दी. महाराष्ट्र की राजनीति को दलदल बनाकर छोड़ दिया, फिर भी शरद पवार पुणे में आज एक कार्यक्रम में उपस्थित रहकर मोदी की आवभगत करेंगे. ये कुछ लोगों को जंच नहीं रहा है. असल में तो लोगों के मन में अपने प्रति मौजूद आशंका को दूर करने का अच्छा अवसर था.
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