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Thursday, August 10, 2023

जिलापंचायत अध्यक्ष के खाते से फर्जी चेक से रुपये निकालने के केस में पंजाब नेशनल बैंक के आफिसर को मिली अग्रिम जमानत

प्रयागराज: पंजाब नेशनल बैंक मिर्जापुर, अहरौरा ब्रांच के अधिकारी निर्मल कुमार की अग्रिम जमानत हाइकोर्ट ने मंजूर कर ली। याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायमूर्ति नलीन कुमार श्रीवास्तव को बताया कि कानपुर जिले के पंजाब नेशनल बैंक, घाटमपुर ब्रान्च के प्रबंधक के द्वारा वर्ष 2010 में चेक से फर्जी भुगतान के संदर्भ में एक एफ. आई. आर.दर्ज कराई गई थी। जिसमे पुलिस के द्वारा 3 आरोपियों की गिरफ्तारी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल हो गई थी। याची का नाम एफ आई आर में दर्ज नही था। 



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फतेहपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के एकाउंट से फर्जी तरीके से पैसा नामजद आरोपियों के द्वारा कानपुर ब्रान्च से निकाला गया था। उसी दौरान शिकायतकर्ता ने शासन को शिकायत किया कि फर्जीवाड़ा के मास्टरमाइंड व अन्य अभियुक्तगण जो कानपुर नगर, आगरा, फतेहपुर व अन्य स्थानों से धनराशि गबन किया है इनकी जांच आर्थिक अनुसंधान संगठन, क्राइम, लखनऊ से कराए जाने के प्रस्ताव से सहमत होकर पुलिस महानिदेशक ने अनुमोदन के पश्चात याची का नाम आर्थिक अपराध संगठन, अपराध की जांच में 13 साल के बाद आया है। 

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याची वर्तमान समय मे मिर्जापुर अहरौरा ब्रान्च में बैंक अधिकारी के पद पर है। घटना के समय याची क्लर्क के पद पर फतेहपुर ब्रान्च में कार्यरत था। फतेहपुर जिलापंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह व बैंक आफिसर के हस्ताक्षर से जारी चेक कानपुर में भुगतान के बाद पता चला था कि चेक फर्जी निकला था। याची का पुलिस की पूर्व की जांच में कही भी नाम नही था। अपर शासकीय अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के खाते से रेखा सिंह के पद से हटने के बाद उनके हस्ताक्षर को कम्प्यूटर में डिलीट नही किया गया जिसकी वजह से गलत तरीके से भुगतान हो गया।

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याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि याची का कार्य बैंक सर्कुलर के अनुसार किसी का हस्ताक्षर हटाना व जोड़ना नही है यह कार्य  उस समय के बैंक अधिकारी का था।याची ने कोई भी अपराध नही किया है झूठा फसाया जा रहा है।जिस पर हाइकोर्ट ने 50 -50 हजार की दो प्रतिभूतियों देने व कुछ शर्तों के साथ पुलिस रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल होने तक अग्रिम जमानत दे दी।

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