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Thursday, August 10, 2023

आशा कार्यकर्त्री के वेतन बृद्धि के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से लखनऊ में अवगत कराया है कि प्रदेश में कार्यरत आशा कार्यकर्त्री, संगिनी एवं शहरी आशा बहुएं  जनपद स्तर पर आर्थिक शोषण की शिकार है। उन्होंने अवगत कराया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जनवरी 2023 में आशा कार्यकर्त्रियों का मानदेय 750 रुपए से बढ़कर रु 1500 कर दिया है। केंद्र सरकार ने एनएचएम के माध्यम से आशा बहू को रु 1000 के स्थान पर रु 2000 का मानदेय निश्चित कर दिया है। इस प्रकार आशा बहू को न्यूनतम रु 3500 प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाना चाहिए। आशा बहुओं द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों की प्रोत्साहन राशि को मिलाकर न्यूनतम रु 5000 तक प्रतिमाह भुगतान की व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार ने सुनिश्चित किया है। लेकिन प्रदेश में आशा बहुओं को रु 1200 से लेकर रु 1300 रुपए तक का ही भुगतान हो रहा है। प्रदेश की आशा बहुएं कम भुगतान के बारे में शिकायत कर रही है।


आशा बहू को कम भुगतान मिलने की लगातार शिकायतें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद को प्राप्त हो रही हैं। आज संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को एक पत्र लिखकर कम भुगतान की स्थिति से अवगत कराया है एवं आशा बहू को मिलने वाले मानदेय का पूरा भुगतान किए जाने का अनुरोध भी किया है।
उन्होंने अवगत कराया है कि 16 जून 2023 को अपर मुख्य सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि मंडल की बैठक हुई थी जिसमें चिकित्सा विभाग के विशेष सचिव ने प्रतिभाग किया था। 


उन्होंने अवगत कराया था कि मार्च 2023 तक आशा बहुओं का पूरा भुगतान किया जा चुका है। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए थे कि कम भुगतान की शिकायत का परीक्षण करके पूरा भुगतान सुनिश्चित कराया जाए तथा आगामी समय के लिए बजट की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। महानिदेशक परिवार कल्याण द्वारा जून 2023 में एक परिपत्र सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रेषित करते हुए आशा बहू को बढ़ी दर पर  समय से भुगतान करने के निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशक के आदेश से भुगतान की प्रक्रिया काफी जटिल हो गई है । आशा बहुएं कम भुगतान की लगातार शिकायत कर रही है।  


संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने आशा बहू के कम भुगतान पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक काम करने वाली आशा बहुएं लगातार उपेक्षा का शिकार हो रही है। उन्होंने प्रमुख सचिव से अपेक्षा किया है कि आशा बहुओं को मिलने वाला  पूरा भुगतान उनके खाते में  भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। यदि भविष्य में कम भुगतान की शिकायत प्राप्त होती है तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद कम भुगतान की स्थिति से मुख्यमंत्री जी को अवगत भी करा सकती है।

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