वाराणसी: विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को दुर्गाकुंड शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) प्रशिक्षण सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान वहां मौजूद अधीक्षक, चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, बीपीएम और बीसीपीएम को नवजात को पहले घंटे के अंदर व छह माह तक सिर्फ स्तनपान के प्रति जागरूक किया गया, जिससे वह समुदाय में जाकर लोगों को परामर्श दे सकें।
सीएमओ ने कहा कि भारत सरकार की ओर से वर्ष 2016 में छह माह तक सिर्फ स्तनपान व छह माह के बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार को बढ़ावा देने के लिए “माँ” कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी। माँ का अभिप्राय “माँ का असीम आशीर्वाद” अथवा “मदर्स अब्सोल्यूट अफेक्शन” है। उन्होंने कहा कि “स्तनपान विकल्प नहीं, संकल्प है” के नारे को लेकर क्षेत्र की सभी आशा-अंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर समुदाय में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे गर्भावस्था के दौरान ही महिलाओं को स्तनपान की अहम भूमिका के बारे में पता चल सके। इसके साथ ही सीएमओ ने दुर्गाकुंड शहरी सीएचसी पहुँचकर वहाँ स्थित मातृ-नवजात शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) में हाल ही में शिशुओं को जन्म देने वाली प्रसूताओं से मुलाक़ात की। साथ ही उनका और नवजात शिशुओं का हाल जाना एवं प्रसूताओं को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य ने स्तनपान कराने से नवजात और माँ को होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम “आईये स्तनपान कराएं और काम करें, काम करें!” रखी गयी है। नवजात को पहले घंटे के अंदर व छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। धात्री महिलाएं 24 घंटे में कम से कम 10 से 12 बार स्तनपान कराएं। रात में कम से काम चार बार स्तनपान कराएं। एक बार में कम से 15 से 20 मिनट तक स्तनपान कराये, और स्तनपान तब तक कराएं, जब तक बच्चे का पेट न भर जाए।
इस अवसर पर डीएचईआईओ हरिवंश यादव, जिला सलाहकार (तंबाकू नियंत्रण) डॉ सौरभ सिंह, डिप्टी डीएचईआईओ कल्पना सिंह व उषा ओझा, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता, न्यूट्रीशन इंटरनेशनल अपराजिता सिंह एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
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