वाराणसी: विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से स्तनपान को लेकर जागरूकता परक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को बड़ागांव विकासखंड परियोजना के अंतर्गत पुरारघुनाथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य उपकेंद्र पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में गर्भवती को स्तनपान के फायदे आदि के बारे में बताया गया। इसके अलावा काशी विद्यापीठ विकास खंड परियोजना के अंतर्गत लक्ख्मीपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर बैठक कर गर्भवती व धात्री महिलाओं को स्तनपान के लिए जागरूक किया गया। साथ ही कोटवां आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) दिव्या ने लाभार्थी महिलाओं को स्तनपान कराने के लाभ बताएं।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा हैं। इसके तहत शिशु के लिए स्तनपान सर्वोत्तम आहार तथा शिशु का मौलिक अधिकार जैसे संदेश समुदाय में दिये जा रहे हैं। गर्भवती और धात्री को बताया जा रहा है कि मां का दूध शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास के लिये अत्यन्त आवश्यक है। यह शिशु को डायरिया (दस्त), निमोनिया और कुपोषण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन्हीं संदेशों के साथ आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर जन जागरूकता गोष्ठी, सामुदायिक बैठकों आदि का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों का भी सहयोग मिल रहा है। साथ ही इस मौके पर आमजन से अपील की जा रही है कि बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा पीला दूध यानि कोलोस्ट्रम अवश्य पिलाएं, क्योंकि यह बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। मां का दूध बच्चे के लिए पहला टीका होता है। जन्म से छह माह तक बच्चे को सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए। छह माह से दो साल की उम्र तक पूरक आहार देने के साथ-साथ स्तनपान भी कराना आवश्यक है।
बड़ागांव बाल विकासखंड परियोजना अधिकारी राकेश बहादुर ने बताया कि बुधवार को पुरारघुनाथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य उपकेंद्र पर टीकाकरण सत्र दिवस के दौरान गर्भवती को शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर स्तनपान और धात्री महिलाओं को छह माह तक सिर्फ स्तनपान एवं उसके बाद दो वर्ष तक पूरक आहार के साथ स्तनपान के बारे में विस्तार से परामर्श दिया गया। उन्होंने बताया कि स्तनपान करने वाले शिशुओं में गंभीर बीमारियों और कुपोषण से बचाव होता है। पेट में कीड़े होने की आशंका भी कम होती है। बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। स्तनपान कराने से माँ को भी बहुत अधिक लाभ होता है। माँ का बच्चे से लगाव बढ़ता है।
इस मौके पर ब्लॉक टीकाकरण प्रभारी हरीशंकर, एएनएम बबीता देवी, हेल्थ सुपरवाइज़र अजय राय, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा देवी, सुसुम, चन्द्र कुमारी, गीता, सहायिका पुष्पा देवी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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