वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत बुधवार को जिले में ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाया गया। इसी क्रम में दुर्गाकुंड शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थित टीबी यूनिट पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने 18 क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की। यह पोषण पोटली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से क्रय की गईं। इस दौरान सीएमओ ने क्षय रोगियों से उपचार व पोषण का हाल जाना। उन्होंने कहा कि नियमित दवा के सेवन के साथ ही प्रोटीन व विटामिन युक्त आहार क्षय रोगियों के लिए बेहद आवश्यक है। इसलिए सभी क्षय रोगी नियमित दवा सेवन के साथ-साथ पोषक आहार पर भी अवश्य ध्यान दें।
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सीएमओ ने कहा कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य के तहत हर माह 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस बार अवकाश होने की वजह से 16 अगस्त को मनाया गया। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक टीबी मरीजों को चिन्हित कर उनका उपचार करना है। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है। टीबी की दवा पूरी अवधि तक लेनी है और एक भी दिन दवा छूटनी नहीं चाहिए। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों और चिकित्सालयों में टीबी जांच की सुविधा मौजूद है। इसके लक्षण नजर आते ही तत्काल जांच करानी चाहिए। क्षय रोगियों के परिवार के सभी सदस्यों की टीबी जांच 15 दिन या एक माह में करानी चाहिए। सीएमओ ने कहा कि गोद लिए गए क्षय रोगियों को सम्पूर्ण उपचार के साथ भावनात्मक सहयोग भी दिया जा रहा है। जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर क्षय रोगियों को पोषण व भावनात्मक सहयोग करने के लिए लोग आगे आयें।
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डीटीओ डॉ पीयूष राय ने कहा कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के सम्पूर्ण उपचार से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर यह गंभीर रूप लेकर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई मरीजों का नियमित फॉलोअप कर रही है। इतना ही नहीं टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं। उन्होंने बताया कि शहरी सीएचसी दुर्गाकुण्ड के अलावा मंडलीय चिकित्सालय, जिला राजकीय चिकित्सालय व सर सुंदरलाल चिकित्सालय (बीएचयू) समेत जिले के समस्त टीबी यूनिट पर करीब 300 क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की गयी। साथ ही बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले व्यक्तियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई और संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों का बलगम एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया।
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इसके अलावा कुष्ठ रोग, कालाजार व फाइलेरिया की भी जांच की गयी। संभावित लक्षणयुक्त व्यक्तियों को जांच के लिए रेफर किया गया। कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ संजय राय, डॉ एके मौर्य, डीएचईआईओ हरिवंश यादव, एसटीएस उदय सिंह के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
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