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Wednesday, July 05, 2023

वित्त विभाग के एक विशेष सचिव शासन के सभी अधिकारियों पर भारी - जे एन तिवारी

देवेंद सिंह की रिर्पोट 

लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है की वित्त विभाग के एक विशेष सचिव शासन के सभी अधिकारियों पर भारी है। कर्मचारियों से संबंधित जो भी पत्रावली विभिन्न विभागों से वित्त विभाग को संदर्भित की जाती है उन सभी पर केवल ऑब्जेक्शन हीं लगाए जाते हैं।



सूत्रों के अनुसार विशेष सचिव ने अधीनस्थ को सख्त हिदायत दे रखी है कि कर्मचारियों से संबंधित किसी भी पत्रावली पर सकारात्मक निर्णय के लिए प्रस्तुत न किया जाए। जे एन तिवारी ने वित्त विभाग के इस रवैए से क्षुब्ध होकर आज मुख्य सचिव को उनके अधिकारिक मेल आईडी पर एक ज्ञापन भेजा है। उन्होंने ज्ञापन में अवगत कराया है कि मुख्य सचिव स्तर पर निर्णीत सभी बिंदु वित्त विभाग में लंबित है। मंत्रिपरिषद के निर्णय के बावजूद भी प्रदेश के विभिन्न राजकीय विभागों के संविदा कर्मचारियों की संविदा राशि में संशोधन का विभागीय आदेश वित्त विभाग की अडंगेबाजी के कारण नहीं हो रहा है। आयुष विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के संविदा कर्मियों को सातवें वेतन आयोग के क्रम में संविदा राशि के संशोधन का प्रस्ताव वित्त विभाग में लंबित पड़ा हुआ है। 

सूत्र बताते हैं कि संबंधित विशेष सचिव पत्रावली पर ऑब्जेक्शन लगाने के फार्मूले पर कार्य कर रहे है। सरकारी विभागों में कार्यरत वह संविदा कर्मी जिनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से चयन समिति के नियमों के अधीन की गई है तथा जिनको छठे वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है तथा शासन द्वारा समय-समय पर देय महंगाई भत्ते का लाभ भी मिल रहा है, उन कर्मचारियों की संविदा राशि में संशोधन के प्रकरण पर भी वित्त विभाग लगातार एतराज लगा रहा है।

जे एन तिवारी ने वित्त विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए यह जानना चाहा है कि क्या वित्त विभाग द्वारा सरकार का खजाना कर्मचारियों को नियमानुसार देय वेतन भत्ते की कटौती से ही भरा जाएगा? ऐसा करने से सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। कर्मचारी सरकार से पहले से ही नाराज है ऊपर से वित्त विभाग कर्मचारियों के हितों पर कैंची चलाने पर उतारू है। मुख्य सचिव समिति को पिछले 6 माह में विसंगति से संबंधित कोई prastav नहीं भेजे गए हैं। गई पेंशन में संसोधन का प्रकरण वित्त विभाग में पिछले 3 साल से लंबित है। जे एन तिवारी ने वित्त विभाग की कार्य प्रणाली की समीक्षा किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। 

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