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Thursday, June 1, 2023

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर रैली, हस्ताक्षर अभियान, गोष्ठी का आयोजन

वाराणसी: विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर बुधवार को राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग की ओर से  जिले के विभिन्न स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गये । इसके तहत रैलियां निकाली गयी व गोष्ठियों के साथ ही हस्ताक्षर अभियान का आयोजन कर तम्बाकू मुक्त समाज बनाने का संकल्प लिया गया। इसके अलावा नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को तम्बाकू से होने वाले खतरों से भी अवगत कराया गया।


विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी के निर्देशन में जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस क्रम में जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ की ओर से पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में हस्ताक्षर अभियान एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने संकल्प लिया कि ‘हम कभी भी धूम्रपान एवं तम्बाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे। हम अपने बच्चों एवं समाज को तम्बाकू से दूर रखेंगे एवं समाज को होने वाले क्षति से बचायेंगे। हम तम्बाकू कम्पनियों से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं लेगे और न ही उन्हें सहयोग करेंगें।’ गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रेम प्रकाश ने कहा कि तम्बाकू एवं इससे बने पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक हैं। धूम्रपान करने वाले अपने साथ ही आस-पास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। धूम्रपान करने वाले के फेफड़े तक केवल 30 फीसद धुआं पहुँचता है बाकी 70 फीसद धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है। उन्होने कहा कि तंबाकू सेवन की आदत को छोड़ें और पर्यावरण को बचाने में अमूल्य सहयोग करें। उन्होंने बताया कि सिगरेट और तंबाकू की लत या आदत बचपन या युवावस्था से लग जाती है जो की आगे जाके हमारी उत्पादकता को कम कर सकती है इसलिए स्कूल कालेज के आसपास तंबाकू युक्त पदार्थों की बिक्री पर कड़ाई से रोक लगानी चाहिए जिससे हम देश के स्वास्थ्य और आर्थिक सूचकांक मे हानी होने से बचा सके।

जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के जिला सलाहकार डॉ सौरभ प्रताप सिंह ने कहा कि अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन आपके आस-पास कोई धूम्रपान करता है तो यह धुआं सिगरेट न पीने वाले के फेफड़ों में पहुँच जाता है। इसे सेकंड हैण्ड स्मोकिंग कहते है इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवती पर होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैण्ड स्मोकिंग है। उन्होने कहा कि तम्बाकू मुक्त समाज का निर्माण करने के लिए सभी के सहयोग की आवश्यकता है।  गोष्ठी में सामाजिक कार्यकर्ता संगीता सिंह, साईकोलोजिस्ट अजय श्रीवास्तव, एलटी गौरव सिंह एवं अन्य चिकित्सक, अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।  

नुक्कड़ नाटक के जरिये किया जागरूक - स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में अस्सी घाट पर नुक्कड नाटक का आयोजन कर लोगों को तम्बाकू सेवन से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया। दिशा क्रिएशन के  कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक के जरिये बताया कि यदि आप को स्वस्थ जीवन चाहिए तो हर हाल में धूम्रपान से बचना होगा। नुक्कड़ नाटक देखने के लिए अस्सी घाट पर जुटी भीड़ ने दिशा क्रियेशन  के कलाकारों की  शानदार प्रस्तुति को काफी सराहा।

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