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Saturday, June 17, 2023

मनाया गया एकीकृत निक्षय दिवस, क्षय रोगियों को प्रदान की पोषण पोटली

वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में गुरुवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। इस दौरान गोद लिए क्षय रोगियों को विभिन्न चिकित्सा अधिकारियों ने पोषण पोटली प्रदान की। साथ ही चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों व आयुष्मान भारत - हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की ओपीडी में आए लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 



मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि हर माह की 15 तारीख को मनाए जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर क्षय रोग के साथ फाइलेरिया, कालाजार व कुष्ठ रोग की जांच, उपचार आदि के सेवाएँ दी जा रही हैं। गोद लिए गए क्षयरोगियों को पोषण पोटली प्रदान की जा रही है। उन्हें सम्पूर्ण उपचार के साथ भावनात्मक सहयोग दिया जा रहा है। गुरुवार को मनाए एकीकृत निक्षय दिवस के दौरान क्षयरोग के संभावित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर बलगम का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। इसके अलावा दिवस पर स्वास्थ्य केन्द्रों व चिकित्सालयों में फाइलेरिया, कालाजार, कुष्ठ रोग की स्क्रीनिंग आदि की सेवाएँ भी दी गईं।    

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि गुरुवार को चिकित्सालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। इस दौरान कुल 3759 लोगों की ओपीडी हुई। इसमें 531 लोगों में टीबी के संभावित लक्षण दिखे। स्क्रीनिंग के बाद अब तक 412 लोगों का सैंपल लिया गया। अब तक 213 की जांच की गई जिसमें दो व्यक्ति पॉज़िटिव पाये गए। इन्हें तत्काल उपचार पर रखा गया। इसके अलावा टीबी मरीजों की एचआईवी व मधुमेह की भी स्क्रीनिंग व जांच की गई। उन्होंने बताया - सम्पूर्ण जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लगता है। डीटीओ ने अपील की है कि जरूरतमंद व आर्थिक रूप से कमजोर क्षय रोगियों को पोषण व भावनात्मक सहयोग करने के लिए आगे आयें और निक्षय मित्र बनकर भारत को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-11-6666 पर संपर्क किया जा सकता है।

जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य केन्द्रों की ओपीडी में की गई स्क्रीनिंग के दौरान फाइलेरिया (हाथीपाँव और हाइड्रोसिल) के छह रोगी मिले। हाइड्रोसिल के रोगियों को उपचार के लिए सीएचसी रेफर कर दिया गया है। हाथीपाँव के रोगियों को साफ-सफाई और रुग्णता प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।     

वितरित हुईं पोषण पोटली – जिला पीपीएम समनवयक नमन गुप्ता ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस पर जनपद के सभी टीबी यूनिट पर चिकित्साधिकारियों, एसटीएस और स्वास्थ्यकमरियों की ओर से गोद लिए क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की गई। करीब 367 क्षय रोगियों को पोषण पोटली वितरित की गई। इस दौरान उनके पोषण, स्वास्थ्य के साथ भावनात्मक सहयोग के बारे में जानकारी ली। 

दवा का पूरा कोर्स जरूरी - जिला कार्यक्रम समन्वयक संजय चौधरी ने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के सम्पूर्ण उपचार से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर यह गंभीर रूप लेकर मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई मरीजों का नियमित फॉलोअप कर रही है। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।

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