वाराणसी: जनपद में सघन पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ रविवार (28 मई) को किया गया। रविवार को 1900 पोलियो बूथ के माध्यम से जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो को खुराक पिलाई गयी। इस दिन परिषदीय विद्यालयों, स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पोलियो बूथ का आयोजन कर पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दो बूंद पिलाई गयी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी तथा जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने जनपद के सभी अभिभावकों से अपील की है कि 28 मई को पोलियो बूथ दिवस के रूप में मनाते हुए अपने जन्म से पांच वर्ष तक बच्चों को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस दिन परिषदीय विद्यालयों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पोलियो बूथ का आयोजन किया जाएगा जिसमें पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की दो बूंद पिलाई जाएगी। इसके बाद 29 मई से दो जून तक पोलियो टीमें घर-घर जाकर पांच वर्ष तक के छूटे बच्चों को दवा पिलाएंगी। डीआईओ डॉ निकुंज कुमार वर्मा ने बताया कि जनपद में शून्य से पांच वर्ष तक 5,68,511 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। पांच दिन तक लगातार 7.42 लाख परिवारों का गृह भ्रमण करते हुए पोलियो टीमें बच्चों को दवा पिलाएंगी। अभियान का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा पोलियो ड्रॉप से वंचित न रहने पाए। उन्होंने बताया कि भारत पोलियो मुक्त देश बन चुका है लेकिन कुछ देशों में पोलियो के मरीज अभी भी निकल रहे हैं। इसलिए सरकार बीच-बीच में सघन पल्स पोलियो अभियान चलाती रहती है।
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी (टीकाकरण) डॉ एके पाण्डेय ने बताया कि जनपद में इस अभियान के लिए रविवार को 1900 पोलियो बूथ बनाए गए हैं। साथ ही घर-घर जाने के लिए 1265 पोलियो टीमों का गठन किया गया है। बसों और रेलवे स्टेशन पर पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 90 ट्रांजिट टीमें बनाई गई हैं। ईंट भट्ठों पर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 45 मोबाइल टीमों का गठन किया गया है। इसके साथ ही 340 बूथ पर्यवेक्षक और 360 टीम पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। विभाग का लक्ष्य है कि इस दौरान शून्य से पांच वर्ष तक का कोई भी बच्चा दवा पीने से वंचित न रहे।
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