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Tuesday, May 30, 2023

पूर्व एसडीएम के परिवार द्वारा किया गया ग्राम सभा की जमीन और पोखर पर अवैध कब्ज़ा, लेखपाल कानूनगो उड़ा रहे है न्यायलय के आदेश का मजाक

वाराणसी: इस समय योगी सरकार भू माफियाओं पर शिकंजा कस रही है  किंतु इसका डर भी  भू माफियाओं को नहीं है और वे सरकारी संपत्ति पर अपना कब्ज़ा करने में जुटे हैं. इसी तरह का एक मामला 2 महीने पहले सामने आया था जहां पूर्व एसडीएम के परिवार वालों ने ग्राम सभा की जमीन और तलाब पर अवैध कब्जा कर लिया है बताया जा रहा है कि ग्रामवासी जब तहसील न्यायालय में 122 बी का मुकदमा किये तो तालाब की जमीन का बेदखली का आदेश का आदेश मार्च 2021 में हुआ था, किंतु जो लोग कब्जा किए हुए हैं वह पूर्व एसडीएम के परिवार से हैं इस कारण से बेदखली का आदेश होने के बाद भी अभी तक कब्जे के जमीन को खाली करवाने में प्रशासन असमर्थ रही.


वही जब ग्राम प्रधान से मीडिया ने बात किया तो ग्राम प्रधान ने बताया कि इस ग्राम में जमीन की बड़ी आवश्यकता है यदि जमीन मिल जाए तो यहां पर ग्राम वासियों की सुविधा के लिए आगनबाड़ी केंद्र खुलवा दिया जाएगा, ग्राम प्रधान ने कहा कि जमीन कब्जा हो जाने से जो सुविधा ग्राम वासियों को जो सुविधा मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन संज्ञान में ले तो इस जमीन की सुविधा गरीब ग्राम वासियों को मिल सकती है. 

साथ ही साथ ग्राम प्रधान का यह भी कहना है कि यह जो तलब है वह 14 बिस्से का है जिसमें से भू माफियाओं ने 10 बिस्सा का कब्जा कर लिया है जिसमे यहां रहने वाले धोबी परिवार कपड़ा धोकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे 10 बिस्सा जमीन कब्जा हो जाने के कारण गरीब परिवार की रोजी रोटी भी चली गई है ग्राम प्रधा ने यह भी बताया कि यहा तलब से सटे ही गांव में जाने के लिए खड़ंजे का रोड बनाया गया था जिसे पूर्व एसडीएम के भतीजे ने तोड़कर अपने खेती में ले लिया. आपको बता दें कि इस रोड पर सरकारी पैसा भी पास हो चुका है.

जब ग्राम सभा के धोबी और अन्य लोगों ने थाना दिवस पर इसको अतिक्रमण मुक्त करवाने और न्यायलय के आदेश का पालन करने के लिए अर्जी दिया था तो लेखपाल ने उनको यह बताया था की टीम बना लिया गया है जल्द ही इसको अतिक्रमण मुक्त करवाया जायेगा लेकिन बीते 2 महीने में कोई कार्यवाही नही हुई है और इस शनिवार को जब ये लोग तहसील दिवस पर फिर डीएम के पास अर्जी देने जा रहे थे तो लेखपाल और कानूनगो ने इनको फिर एक सप्ताह का टाइम लेकर रोक दिया लेकिन अभी तक कुछ भी नही हुआ।

एक तरफ तो सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं और अधिकारियों को यह निर्देश देते हैं कि जो भी अवैध कब्जा है उसको तत्काल खाली करवाया जाए तो वहीं दूसरी तरफ इन्हीं के महकमे में बैठे लोग इस तरह के कार्यों को करने के लिए लोगों को उत्साहित कर रहे हैं क्योंकि इस मामले में पूर्व एसडीएम की संलिप्तता है तो हो सकता है कि इसकी वजह से प्रशासन कार्यवाही करने में कोताही बरत रही है या फिर टाइम पास कर रही है अब देखना यह है कि क्या इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो आदेश दिया है और न्यायालय का जो आदेश है क्या उस पर कार्यवाही होती है या नहीं.

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