वाराणसी: जनपद में हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए ईसीजी और थ्रंबोलाइसिस के प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी, बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो.धर्मेंद्र जैन, डॉ अतुल सिंह, डॉ पायल सिंह के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर, शिवपुर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय पांडेपुर का स्थलीय निरीक्षण किया गया । यहां पर कोरोनरी केयर यूनिट बनाए जाने है। हार्ट अटैक के बाद जब मरीज जिला अस्पताल या नजदीकी हेल्थ सेंटर पहुंचता है तो डॉक्टर बिना शुरुआती इलाज के उसे बड़े अस्पताल रेफर कर देते हैं। इसके चलते ज्यादातर मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है। इससे निपटने के लिए जिला अस्पताल और सीएचसी में हार्ट अटैक के मरीजों के शुरुआती इलाज के लिए कोरोनरी केयर यूनिट बनाए जाएंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि कोरोनरी केयर यूनिट पर हार्ट अटैक का मरीज आते ही सबसे पहले ईसीजी और इको किया जाएगा। यह रिपोर्ट रेफरल अस्पताल में बैठे कार्डियोलॉजिस्ट को भेजी जाएगी। वह बताएंगे कि मरीज को हार्ट अटैक आया है या नहीं। हार्ट अटैक की स्थिति में मरीज को थ्रंबोलाइसिस थैरेपी यानी खून के थक्के खत्म करने की प्रक्रिया की जाएगी। इससे मरीज को 20 से 24 घंटे का विंडो पीरियड मिल जाएगा। इसके बाद उसे रेफर किया जाएगा, जहां कार्डियोलॉजिस्ट होगा।
सीएमओ ने कहा कि आईसीएमआर के सहयोग से स्पोक एंड हब मॉडल प्रोजेक्ट प्रदेश में सबसे पहले वाराणसी में शुरू किया जा रहा है। बीएचयू को हब सेंटर बनाया गया है जहां हार्ट अटैक के मरीजों को टेली कंसल्टेंसी के जरिये सम्पूर्ण उपचार व परामर्श दिया जाएगा। सभी जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) को स्पोक सेंटर बनाया गया है जहां अचानक से सीने में दर्द होने वाले व्यक्तियों को ईसीजी के साथ-साथ थ्रंबोलाइसिस की सेवा प्रदान की जाएगी। यह सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क है। वाराणसी के साथ-साथ आसपास के जनपदों के लिए सहायक साबित होगी।
हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो धर्मेंद्र जैन ने बताया कि आईसीएमआर प्रोजेक्ट के तहत चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईसीजी और थ्रंबोलिसिस की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अचानक अटैक आने के बाद मरीजों को समय से उपचार मिले तो उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि हब सेंटर के नाते बीएचयू में कार्डियक इंटेंसिव केयर यूनिट (सीआईसीयू) सहित समस्त सुविधाएं मौजूद हैं। जल्द ही एक एप्लीकेशन तैयार की जाएगी जिससे प्रक्रिया और आसान होगी। साथ ही सभी चिकित्सक व विशेषज्ञ भी एक साथ जुड़े रहेंगे।
No comments:
Post a Comment