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Saturday, April 22, 2023

मुख्य सेविका ने डीपीओ पर लगाया मारपीट करने और पैसा वसूलने का आरोप

वाराणसी डीपीओ दिनेश कुमार सिंह पर मुख्य सेविका ज्योति मिश्रा ने मारपीट करने और छेड़खानी करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं मुख्य सेविका ज्योति मिश्रा ने कहा कि 20 अप्रैल को जब मैं अपने तनख्वाह के लिए बात करने डीपीओ दिनेश कुमार सिंह से मिलने गई तो दिनेश कुमार सिंह ने मेरे साथ हाथापाई किया और मेरे साथ छेड़खानी किया।



मुख्य सेविका ने यह भी आरोप लगाया कि दिनेश कुमार सिंह ने उसकी सैलरी के बदले उससे ₹50000 की मांग की थी जो मैने ₹50000 तो दे दिया लेकिन अब डीपीओ साहब को ₹20000 और चाहिए था जिसको देने के लिए मैंने मना कर दिया और मैंने उनसे अपने ₹50000 भी वापस मांगे। डीपीओ साहब ने मुझे पैसे तो नहीं दिए बल्कि सीढ़ी से नीचे धक्का दे दिए और मेरा हाथ पकड़ कर खींचकर बाहर ले जाने लगे जिससे मेरे कपड़े भी फट गए।

ज्योति मिश्रा ने डीपीओ पर यह भी आरोप लगाया कि जो पुष्टाहार का सामान आता है उसके बदले भी यह हम लोगों से पैसा वसूली करने के लिए कहते हैं और न देने की सूरत में हमारे तनख्वाह से काटने की बात करते हैं जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने पैसा दिया है उसका कोई साक्ष है तो उन्होंने कहा नहीं जब हम उनसे मिलने जाते हैं तो हमारा मोबाइल स्विच ऑफ करा दिया जाता है और मोबाइल को बाहरी रखवा दिया जाता है पैसे को एक कागज में लपेट कर घुस के रूप में हर महीने हम उनको देते हैं।

आपको बता दें कि पुष्टाहार को लेकर ऐसे ही तरह-तरह के आरोप पहले भी लगते रहे है लेकिन अभी तक कोई भी जांच नहीं हुई है यहां तक कि एक बार एक ब्लॉक प्रमुख ने मीटिंग में लोगों के सामने भी यह कबूल किया था कि हां पुष्टाहार का जो सामान आता है उसको आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बेचा जाता है। लेकिन इस पर कोई आधिकारिक जांच अभी नहीं हुई है और इसी तरह से लूट खसूट चलती रही है अगर इस पर जांच नहीं होती तो कहीं न कहीं इसमें प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं और यह बहुत बड़ा सवाल है सरकार के ऊपर आखिरकार सरकार जो सहूलियत दे रहा है उसका उपयोग हो रहा है या दुरुपयोग हो रहा है इसकी भी निगरानी होनी चाहिए नहीं तो समय-समय पर ऐसे ही आरोप लगते रहेंगे लेकिन आरोप एक बार लगे तो समझ में आता है अगर आरोप वही बार-बार लगे तो कहीं ना कहीं कोई न कोई गड़बड़ी जरूर होती है अब देखना यह है कि क्या ज्योति मिश्रा के इस आरोप के बाद सरकार में बैठे लोग या जो उनके सीनियर अधिकारी है क्या इस पर जांच करवाएंगे क्या ऐसे ही आरोप लगते रहेंगे।

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