आपको बता दें कि वाराणसी वार्ड नंबर 52 की प्रत्याशी सुशीला मिश्रा जिनके पट्टी अशोक मिश्रा बीजेपी के कार्यकर्ता हैं उन्होंने अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है जहां पर कुल 24000 वोट है जिसमें से केवल 5000 हिंदू वोट हैं तो वही 19000 मुस्लिम वोट है ऐसे में अशोक मिश्रा के लिए यह पार्षद का चुनाव और भी कठिन हो जाता है लेकिन वहां के जनसमर्थन को देखते हुए यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है की पार्टी से ऊपर और जाति से ऊपर है लोगों का सहयोग जब हमारी टीम मौके पर पहुंची तो हमन यह पाया कि वहां पर हर वर्ग के लोगों का समर्थन सुशीला मिश्रा को प्राप्त है।
सुशीला मिश्रा के पति अशोक मिश्रा से जब हमने इस संबंध में बात किया और चुनाव की तैयारियों के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि हम सब यहां एक साथ रहते हैं हमारे बीच में भाईचारा है और मैं आज करीब 35 साल से समाज सेवा में जुड़ा हुआ हूं इसलिए यहां पर चाय हिंदू हो चाहे मुस्लिम हो हर वर्ग के लोग मुझे मानते हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि मुझे यह लोग भारी मतों से विजई भी बनाएंगे और मैं आगे भी समाज सेवा का कार्य करता रहूंगा।
इससे तो साफ जाहिर होता है कि जैसा राजनेता कहते हैं की जाति के नाम पर यूपी और बिहार में वोट मिलते हैं यहां का माहौल देखने से तो यह नहीं लगता कि जाति के नाम पर यहां वोट किया जाएगा यहां पर सिर्फ एक ही मुद्दा है विकास जोकि अशोक मिश्रा पहले से लोगों के काम में बराबर के सभा की रहते हैं और जो भी उनका काम होता है करवाते रहते हैं अब तो देखने वाली बात यह होगी कि चुनाव के बाद परिणाम क्या आता है क्या अशोक मिश्रा का विश्वास बना रहता है या फिर विश्वास टूटता है।
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