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Friday, April 21, 2023

आत्मविश्वास और सफलता की मिसाल बनी सीएचओ प्रिया मल्ल

वाराणसी: “आत्मविश्वास से सफलता मिलती है और सफलता से आत्मविश्वास बढ़ता है” कुछ ऐसी लाइन पर विश्वास करती हैं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) प्रिया मल्ल। काशी विद्यापीठ ब्लॉक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ प्रिया ने प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत व सुरक्षित प्रसव, परिवार नियोजन, अन्य प्राथमिक जांच आदि स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति समुदाय की सोच को बदल दिया है। गर्भवती व धात्री महिलाएं उनके सामने अपनी बात खुलकर रख रही हैं। चाहे वह प्रसव जांच संबंधी हो या फिर परिवार नियोजन से संबन्धित। इसके अलावा ई-संजीवनी टेली मेडिसिन के माध्यम से सैकड़ों लोगों स्वास्थ्य लाभ पहुंचा चुकी हैं। इसका नतीजा यह रहा कि पिछले एक साल में वह अपने सेंटर पर 158 सुरक्षित प्रसव और 877 लोगों को ई-संजीवनी का लाभ दे चुकी हैं। इसके अलावा सेंटर पर नियमित योग सत्र, मेडिटेशन तथा अन्य वेलनेस गतिविधियां कर रही हैं।

ऐसे हुई शुरुआत - कोरौता हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ के रूप में उन्होंने वर्ष 2021 में अपना कार्य शुरू किया। उस समय कोविड के कारण बहुत सी सेवाएं बाधित रहीं। कार्य के दौरान वह एक बार कोविड पॉज़िटिव भी हुईं। अप्रैल 2022 से उन्होंने सेंटर पर सीएचओ की सक्रिय भूमिका निभाई। उन दिनों सेंटर पर सिर्फ नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन और प्रसव पूर्व जांच की सुविधा थी। प्रसव और ओपीडी की संख्या भी काफी कम थी। लेकिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनने के बाद एएनएम रजत कुमारी और आशा मदद से ग्रामीणों को सेंटर पर ही प्रसव, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी विधियों के साथ टीबी, डेंगू, मलेरिया, एचआईवी, सिफ़लिस, हेपेटाइटिस बी, ब्लडप्रेशर, शुगर आदि निःशुल्क सेवाओं के लिए प्रेरित किया। उन्हें विश्वास था कि वह समुदाय में परिवर्तन लाकर रहेंगी। इसका नतीजा यह हुआ कि वहां प्रसव और ओपीडी की संख्या के साथ अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में भी बढ़ोतरी हुई। जहां पहले प्रतिदिन तीन से चार ओपीडी होती थीं। वर्तमान में रोजाना 20 ओपीडी और माह में 9 से 10 प्रसव होते हैं। प्रिया बताती हैं कि समुदाय को स्वस्थ रखने में एएनएम, आशा कार्यकर्ता व अन्य कार्यकर्ताओं का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने सराहा – पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सेंटर पर ही वर्चुअल संवाद हुआ। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सेंटर का दौरा किया और सराहना भी की। इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च में सेंटर पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, केन्द्र व राज्य स्तरीय टीम, स्टॉप टीबी बोर्ड की कार्यकारी निदेशक लूसिका दितियू के अलावा बिल एंड मिलांडा गेट्स फ़ाउंडेशन, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूपीटीएसयू के विदेशी व केंद्रीय प्रतिनिधियों ने प्रिया मल्ल के उत्कृष्ठ कार्यों की सराहना की। साथ ही कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों में समुदाय को चिकित्सा व स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। समुदाय का व्यवहार परिवर्तन कर रही हैं। जिले में और भी ऐसे कार्य कराये जिससे प्रिया मल्ल जैसी प्रतिभाएं दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकें और समुदाय को बेहतर लाभ मिल सके।

पिछले साल की उपलब्धि – सीएचओ प्रिया ने बताया कि पिछले वर्ष सेंटर पर 230 गर्भवती पंजीकृत हुईं। 194 गर्भवती ने प्रथम तिमाही की प्रसव पूर्व जांच कराई। 158 गर्भवती का सुरक्षित प्रसव हुआ। 263 बच्चों को गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) की सेवा दी गई। 63 महिलाओं को आयरन सुक्रोज़ चढ़ाया गया। 44 महिलाओं को अंतरा तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन, 48 छाया साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली, 112 माला एन, 640 कंडोम, 35 ज़िंक, 135 ओआरएस वितरण आदि की सेवाएँ दी गई। इसके अलावा सेंटर पर 76 हाईपरटेंशन और 43 मधुमेह के मरीज देखे। 6 टीबी के मरीज नोटिफ़ाइ हुये। इनमें से चार मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। दो उपचार पर हैं। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभी कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सीएचओ को समय-समय पर प्रशिक्षित व संवेदीकरण किया जा रहा है। इस तरह के प्रशिक्षण से सीएचओ की सभी स्वास्थ्य विषयों पर क्षमता वृद्धि होती है। जनपद में वर्तमान में 208 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ तैनात हैं जो दूर-दराज के क्षेत्र में लोगों को बेहतर चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में प्रयासरत हैं। बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण के साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम, संचारी व गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग, प्रसव पूर्व जांच, प्रसव सुविधा, ई- संजीवनी के माध्यम से टेली मेडिसिन, योगा, वेलनसे आदि सेवाएँ दे रहे हैं।

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