वाराणसी: कूनो नेशनल पार्क से फिर बुरी खबर आई है। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों में से एक नर चीते उदय की रविवार शाम मौत हो गई। इससे पहले 27 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता की मौत हुई थी।
जानकारी के मुताबिक 23 अप्रैल सुबह 9 बजे चीतों के दैनिक निगरानी के समय चीते उदय को सुस्त पाया गया था। वह बोमा कमांक 2 में मौजूद था। निगरानी दल ने जब परीक्षण की कोशिश की। इस दौरान चीता उठकर लड़खड़ाकर एवं गर्दन झुकाकर चलता पाया गया। जबकि एक दिन पूर्व की निगरानी में उदय चीता स्वस्थ पाया गया था। चीता उदय की हालत की सूचना वायरलेस द्वारा तत्काल अन्य बोमा में चीता निगरानी कर रहे वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। सूचना पर वन्यप्राणी चिकित्सक दल द्वारा तत्काल मौके पर जाकर चीता उदय का निरीक्षण किया एवं प्रथम दृष्टया बीमार पाया।उपचार किया जा रहा था
मौके पर मौजूद समस्त वन्यप्राणी चिकित्सकों
एवं चीता कसरवेशन फंड के चीता विशेषज्ञ द्वारा चीते की स्थिति देखते हुए तत्काल
उपचार हेतु ट्रैंकुलाइज करने की आवश्यकता महसूस की गई। जिसकी तत्काल सूचना
वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा प्रात: लगभग 9.45
पर मुख्य वन संरक्षक सिंह परियोजना को दूरभाष के माध्यम से दी
गई। सुबह लगभग 11 बजे चीता उदय को बेहोश कर मौके पर ही
उपचार दिया गया। चीते के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे आइसोलेशन वार्ड में आगामी
उपचार एवं सतत निगरानी के लिए रखा गया। उपचार के दौरान शाम लगभग 4 बजे उदय की मौत हो गई। मौत का स्पष्ट कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता
चल सकेगा।
पीसीसीएफ जेएस चौहान ने बताया कि बीमार होने पर उसे निगरानी में ले लिया था, लेकिन शाम चार बजे उदय चीता ने दम तोड़ दिया। दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था यह चीता वाटरबर्ग बायोस्फीयर व्यस्क नर था। इससे पहले नामीबिया से आई फीमेल चीता साशा 27 मार्च की सुबह कूनो नेशनल पार्क स्थित अपने बाड़े में मृत मिली थी। उसकी किडनी खराब थी और उसका इलाज चल रहा था।
हाल ही में बड़े
बाड़ों में किए गए थे शिफ्ट
बता दें कि 18
फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों
का दूसरा जत्था भारत लाया गया था। इन 12 चीतों में सात नर
और पांच मादा शामिल थीं। दो-तीन दिन पहले ही इन्हें क्वारंटाइन बाड़ों से निकालकर
बड़े-बाड़े में रिलीज किया गया था। रविवार को इनमें से एक उदय नामक नर चीते की मौत
हो गई।
लक्ष्मण सिंह ने जताई
चिंता
कूनो में चीते की मौत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री
दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता
की मृत्यु का समाचार मिला। चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री जब स्वयं इस योजना को
देख रहे हैं तो यह क्यों हो रहा है? क्या कमी है? यह योजना लाखों को रोजगार देगी, इन्हें बचाना
बहुत आवश्यक है।
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