रायपुर: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद देशभर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। इधर, इसे लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल शुरू हो गया है। राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द होने की खबर फैलते ही रायपुर में कांग्रेस के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा दफ्तर के बाहर पार्टी नेताओं के पोस्टर पर कालिख फेंक दी और पुतला दहन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा भड़क उठा। कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन पहुंचे भाजपा कार्याकर्ताओं ने जमकर हंगामा कर पथराव किया। बताया जा रहा है पथराव में कई लोगों के घायल हो गए। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस की हल्की झड़प भी हुई।
कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यालय के सामने पुतला फूंका
राजधानी रायपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश देखा गया। इस फैसले से भड़के कांग्रेसी कार्यकर्ता रायपुर भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर पहुंचे और पार्टी दफ्तर के बाहर बीजेपी नेताओं के पोस्टर पर कालिख फेंकी। इससे भाजपा कार्यालय में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं का गुस्सा भी भड़क उठा। इसी दौरान दोनों राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय के सामने पुतला फूंका और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रही।
राजीव भवन के बाहर बीजेपी कार्यकर्ताओं का हंगामा
इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद भाजपा कार्याकर्ता भी भड़क गए। कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन के बाहर पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन के बाहर पथराव भी किया।
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द सीएम की प्रतिक्रिया
इधर, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद छत्तीसगढ़ में लगातार राजनीतिक प्रतिक्रिया आ रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, तानाशाह का सबसे बड़ा डर होता है कि उससे लोग डरना बंद न कर दें। आप उसे डराना चाहते हैं जो पूरे देश को कह रहा है “डरो मत”। इंदिरा जी के साथ भी यही भूल की थी कुछ लोगों ने, बाकि फिर इतिहास है। यहीं मिलेंगे जनता की अदालत में। जनता होगी, जननेता होगा..नहीं होगा तो सिर्फ़ डर और तानाशाह।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, मोदी सरकार लोकतंत्र का गला घोट रही है कोर्ट ने 30 दिन का वक्त दिया था, इसे लेकर ऊपरी अदालत में चैलेंज कर सकते थे। लेकिन हम लड़ेंगे और सत्य की जीत होगी।
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