Latest News

Friday, February 17, 2023

दवा का कोर्स पूरा करें, तो पूरी तरह से हो जाएंगे स्वस्थ – टीबी चैम्पियन धनंजय

वाराणसी: हाल ही में हुई सेंट्रल व स्टेट टीबी डिवीजन व सपोर्ट यूनिट टीम के भ्रमण का असर समुदाय स्तर पर दिखने लगा है। इसका उदाहरण गुरुवार को काशी विद्यापीठ ब्लॉक के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कोरौता में टीबी चैम्पियन के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) व आशा कार्यकर्ताओं की बैठक में देखने को मिला। बैठक में टीबी चैम्पियन धनंजय कुमार ने अपना अनुभव साझा करते हुये सामुदायिक स्तर पर क्षय रोग से जुड़े मिथक और भ्रांतियों को दूर करने, सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन और टीबी मरीजों को स्वस्थ वातावरण व जीवनयापन के बारे में विस्तार से चर्चा की।


पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन ने संबंधित अधिकारियों को शिवरात्रि पर्व को सुरक्षित बनाने के निर्देश दिए

सीएचओ प्रिया मल्ल ने बताया कि हेल्थ वेलनेस सेंटर कोरौता में संभावित टीबी मरीजों को चिन्हित करने और उनके सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता भी बलगम सैंपल एकत्रीकरण में ज़िम्मेदारी सही तरीके से निर्वहन कर रही है। इसके साथ ही सामुदायिक स्तरीय बैठक कर टीबी मरीजों के प्रति भेदभाव, मिथक व भ्रांतियों को दूर करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसमें लोगों को जागरूक कर व्यवहार परिवर्तन किया जा रहा है जिससे टीबी रोगियों को स्वस्थ जीवनयापन और वातावरण मिल सके । सीएचओ ने बताया कि वह सेंटर पर अप्रैल 2022 से अब तक 170 से अधिक टीबी संभावित मरीजों का सैंपल ले चुकी हैं, इसमें तीन पॉज़िटिव पाये गए लेकिन वह पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।    

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, होली पर भीड़ को देखते हुए रेल प्रशासन 23 कोच की अतिरिक्त ट्रेन चलाएगा

दवा का कोर्स पूरा करें, तो पूरी तरह से हो जाएंगे स्वस्थ – 

अराजीलाइन निवासी टीबी चैम्पियन धनंजय कुमार, 38 वर्ष ने बताया कि वर्ष 2011 में उन्हें टीबी हुई थी। निजी चिकित्सालय में इसका इलाज कराया लेकिन बीमारी और बढ़ गई। इसके बाद उन्हें मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) टीबी हो गई। फिर डेढ़ साल तक सरकारी दवा का सेवन किया लेकिन सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें एक्सडीआर टीबी हो गई। इसके बाद उन्होंने दो साल तक दवा खाई। इस तरह करीब छह साल दवा खाने के बाद साल 2016 में पूरी तरह से ठीक हुये। इस दौरान परिवार और आसपास के लोगों का पूरा सहयोग रहा। कोई भेदभाव नहीं था। इसके दो साल बाद वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के जरिये वह विभाग से जुड़ कर टीबी चैम्पियन बने। अब वह टीबी मरीजों की काउंसलिंग और भावनात्मक सहयोग दे रहे हैं। साथ ही नियमित फॉलो अप भी लेते हैं। मरीजों को समझाते हैं कि दवा बीच में न छोड़ें, कोर्स पूरा करें जिससे वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे। इसके साथ ही टीबी मरीजों के साथ भेदभाव न करने के बारे में समुदाय को जागरूक कर रहे हैं। धनंजय के सहयोग से अब तक 150 टीबी रोगी ठीक हो चुके है और 150 से अधिक उपचार पर हैं।

अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध ध्वस्तिकरण की कार्यवाही

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें पूर्वांचल खबर आज की ताजा खबरलाइव न्यूज अपडेटपढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट purvanchalkhabar.co.in हिंदी |

इस आर्टिकल को शेयर करें

हमारे Whatsapp Group से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें 

अपने शहर की खास खबरों को अपने फ़ोन पर पाने के लिए ज्वाइन करे हमारा Whatsapp Group मोबाइल नंबर 09355459755 / खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें।

No comments:

Post a Comment