वाराणसी: विगत 32 वर्षों से भी ज्यादा समय से नई बस्ती, लाल कुटी व्यामशाला से भव्य शिव बारात का प्रस्थान होता है यह शिव बारात लालकुटी व्यामशाला से होते हुए नई बस्ती, रामापुरा, खारी कुआं, गोदौलिया से होते हुए लक्सा नई बस्ती पे समापन होता है। शिव बारात में हजारों की संख्या में शिव बाराती सैकड़ों की संख्या में झांकी, सैकड़ों दिव्यांग, ऊंट, हाथी, बंदर, सपेरे सभी लोग शामिल होते हैं।
जैसा कि आप सभी जानते है शिवरात्रि एवं शिव बारात काशी का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है जिसमें बाहर से सैलानी एवं दर्शनार्थी बाबा काशी विश्वनाथ में माथा टेकने लाखों की तादाद में आते हैं काशी की पहचान रही शिव बारात अपना अस्तित्व खोती नजर आ रही है क्योंकि शासन प्रशासन व नगर निगम इसमें कोई भी सहयोग नहीं दे रहा है।
शिव बारात के संस्थापक रहे भूतपूर्व पार्षद स्वर्गीय विजय वर्मा जी रहे। वर्तमान समय में स्वर्गीय विजय वर्मा के छोटे भाई अजय वर्मा के नेतृत्व में इस शिवबारात का प्रस्थान होता है। परंतु इस बार 18 फरवरी 2023 को शिवरात्रि पड़ने पर अजय वर्मा बड़ी असमंजस वाली स्थिति में है।
क्योंकि शासन प्रशासन नगर निगम एवं उत्तर प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण पिछले 7 वर्षों से सड़कों की मरम्मत का कोई कार्य नहीं हुआ है सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हैं अजय वर्मा ने कई विभागों में गुहार लगाई कई जगह चिट्टियां आवेदन पहुंचाए पर कोई सुनवाई होती नहीं दिख रही है।
कहीं काशी अपनी इस विकास की आंधी में अपनी सनातन संस्कृति को भूल ना जाए कहीं इस आधुनिकता में हम अपने बाबा भोलेनाथ को भूल ना जाएं काशी की जो पहचान है शिव बारातियों से काशी विश्वनाथ से बाबा के भक्तों से वह पहचान हमेशा बनी रहनी चाहिए काशी भी बना रहेगा अन्यथा काशी भी अन्य शहरों में खो जाएगा काशी की जो सनातन परंपरा चली आ रही है उसका यथावत निर्वहन होता रहे इसके लिए शासन प्रशासन व नगर निगम से अनुरोध है कि खराब सड़कों की दुर्दशा पर ध्यान दें नई बस्ती रामापुरा की सड़कों की दुर्दशा बहुत ही दयनीय है आए दिन रिक्शा पलट रहे हो आए दिन लोग उसमें घायल हो रहे हैं ऐसी स्थिति में शिव बारात का प्रस्थान कैसे संभव है।
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