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Saturday, December 17, 2022

सीएमओ ने बजरडीहा, माधोपुर और कैंटोमेंट पीएचसी पर नाराजगी व्यक्त की

वाराणसी: शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) काशी विद्यापीठ पर शुक्रवार को संबन्धित सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की समीक्षा बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं पीएसआई इंडिया के सहयोग से समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें मँड़ुआडीह, लोहता, बड़ी बाजार, बजरडीहा, कैंटोमेंट और रामनगर के प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्टाफ नर्स एवं एएनएम ने प्रतिभाग किया।   


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बैठक में सीएमओ ने अर्बन हेल्थ इंडेक्स रजिस्टर (यूएचआईआर) पर प्रतिदिन डाटा फीडिंग न होने और उसका मूल्यांकन (असेस्मेंट) प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) और एएनएम स्तर से न होने पर बेहद नाराजगी व्यक्त की। इस पर सीएमओ ने बजरडीहा, माधोपुर और कैंटोमेंट के एमओआईसी और एएनएम को अगले एक सप्ताह में लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत डाटा फीडिंग करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही कहा कि 50 फीसदी से नीचे फीडिंग होने पर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। हर रोज एमओआईसी एएनएम और आशा के साथ डाटा फीडिंग का मूल्यांकन करे। लाभार्थियों को सेवाएं दी जा रही हैं लेकिन इसकी रिपोर्टिंग समय से पूरी नहीं हो रही है। इस पर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने भी नाराजगी जाहिर की है। 

डिप्टी सीएमओ व एनयूएचएम के नोडल अधिकारी डॉ अमित सिंह एवं सीएचसी के अधीक्षक डॉ राकेश सिंह ने सभी एमओआईसी, स्टाफ नर्स और एएनएम को राष्ट्रीय कार्यक्रम में सुधार लाने और आरसीएच, यूएचआरआई व ई-कवच पर समय से डाटा फीडिंग संबंधी दिशा निर्देश दिये। बताया कि लक्ष्य के सापेक्ष प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए सभी चारों जाँच सौ फीसदी रिपोर्ट हों। इसके लिए आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में भ्रमण करे। उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित महिलाओं का लगातार फॉलो अप करें और उन्हें प्रसव के लिए सीएचसी भेजने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों के नियमित टीकाकरण में बीसीजी के सापेक्ष मीजिल्स-रूबेला की दोनों डोज़ सौ फीसदी लगाई जाए। गैर संचारी रोगों के लिए 30 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का सी-बैक फॉर्म भरा जाए। परिवार नियोजन की सेवाओं को शहरी स्वास्थ्य पोषण स्वच्छता दिवस (यूएचएनडी) सत्र में अधिक से अधिक ज़ोर दिया जाए। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए। परिवार नियोजन कार्यक्रम पर जोर देते हुये निर्देशित किया कि अस्थायी साधन यथा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी के साथ स्थायी साधन महिला व पुरुष नसबंदी के लिए लक्षित लाभार्थी को प्रोत्साहित करें। डॉ अमित सिंह ने कहा कि भविष्य में सभी पीएचसी का कायाकल्प असेस्मेंट होना है इसके लिए पीएचसी की सभी चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करना बेहद जरूरी है।

इस मौके पर जिला नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता पूनम गुप्ता, डीपीसी शालिनी श्रीवास्तव, पीएसआई इंडिया से कृति पाठक व अखिलेश एवं अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

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