वाराणसी: ब्रेस्ट में हुई किसी भी तरह की गांठ को नजरअंदाज करना एक बड़ी मुसीबत को आमंत्रण देने जैसा है। ब्रेस्ट की इस गांठ में कैंसर भी हो सकता है । लिहाजा ब्रेस्ट में अगर गांठ नजर आये तो इसे गंभीरता से लें और जाँच कराकर फौरन उपचार शुरू करायें। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह जांच निःशुल्क की जाती है।
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यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी का। उन्होंने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए हर वर्ष अक्टूबर माह को ‘ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता माह’ के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान अभियान चलाकर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी दी जाती है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केन्द्र की वरिष्ठ चिकित्सक व एनसीडी कार्यक्रम की जिला समन्वयक एवं विशेषज्ञ (कैंसर) डा. रुचि पाठक बताती हैं कि स्तन कैंसर की शुरुआत ब्रेस्ट में छोटी गांठ से होती है। शुरूआती स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर गांठ की जांच कराकर कैंसर का निदान किया जा सकता है लेकिन इसमें बरती गयी लापरवाही ही बाद में मरीज के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है और यह जानलेवा भी साबित होती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के देश में लगभग एक लाख 78 हजार नये मामले सामने आये। इनमें 90 हजार से अधिक की मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुर्इ। इसी तरह केवल वाराणसी में वर्ष 2017 में कुल एक हजार नौ सौ सात मरीज कैंसर के पाये गये जिनमें 26 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के थे।
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हर माह स्वयं भी करें जाँच-
डा. रुचि पाठक ने बताया कि स्तन कैंसर महिलाओं में सर्वाधिक पाया जाने वाला कैंसर है। पहले 40 से 45 वर्ष की महिलाओं के स्तन कैंसर से पीड़ित होने की संभावना सबसे अधिक रहती थी पर अब 30 से 40 वर्ष की महिलाओं में भी इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस संकट से बचने के लिए महिलाओं को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उनके स्तन में कहीं कोर्इ गांठ तो नहीं उभर रही। इसके लिए 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को अपने स्तन की जांच हर माह स्वयं भी करनी चाहिए और वर्ष में एक बार चिकित्सक से उसका परीक्षण कराना चाहिए। गांठ का पता चलते ही फौरन चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
यहां मिलता है निःशुल्क प्रशिक्षण-
ब्रेस्ट में गांठ है या नहीं इसकी जांच स्वतः भी की जा सकती है। इसके लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्थित ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ में निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है। ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ की प्रभारी डा. जाह्नवी बताती है कि महज चंद मिनट के इस प्रशिक्षण के बाद कोर्इ भी महिला स्वतः अपने स्तन की जांच कर कैंसर के बड़े खतरे से बच सकती है।
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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण-
- स्तन में किसी तरह की गांठ
- निपल से किसी तरह का श्राव
- निपल का अंदर की ओर धंसना
- स्तन की स्किन संतरे के छिलके की तरह होना
- किसी एक स्तन के आकार में परिवर्तन
- किसी भी स्तन में लालिमा अथवा सूजन
- किसी एक स्तन का असामान्य रूप से नीचे लटकना
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