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Wednesday, September 14, 2022

महादेव पीजी कॉलेज में हिंदी दिवस पर हुई संगोष्ठी एवं वाद विवाद प्रतियोगिता

वाराणसी: चिरईगांव, बरियासनपुर स्थित महादेव पीजी कॉलेज के नव निर्मित सभागार में बुधवार को हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर लोकनाथ पांडेय ने कहा कि हिंदी भारत माता के माथे की बिंदी ही नहीं हमारी आत्मा भी है। विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली हिंदी भाषा का प्रभुत्व आज दुनियां में तेजी से बढ़ रहा है। 


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डॉक्टर पांडेय ने कहा कि भारत की प्राचीन संस्कृति, संस्कार, संस्कृत एवं हिंदी भाषा को धारण करने के लिए विदेशों में लोग लालायित है। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि भारत के कुछ राज्यों में आज भी हिंदी को लेकर भेदभाव हो रहा। चीन जापान जैसे देशों ने अपनी भाषा के बलबूते ही तरक्की का सोपान तय किया। "निज भाषा उन्नति अहै" के तर्ज पर भारत को भी हिंदी को राजभाषा की जगह राष्ट्र भाषा का दर्जा शीघ्र देना होगा। 

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डॉक्टर पांडेय ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनने का सपना पूर्ण करना है तो हमें अपने संस्कारों और भाषा को सहेज कर हिंदी के बलबूते ही आगे का रास्ता तय करना होगा। इस अवसर पर हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि दक्षिण के कुछ लोग आज भी अपने राजनीतिक हित को साधने के लिए हिंदी का अनावश्यक विरोध करते हैं, अब वक्त आ गया है कि राजनीतिक कोप की शिकार हुईं हिंदी को भारत में राष्ट्र भाषा का गौरव दिलाना है। हमें अंग्रेजी की जगह हिंदी में हस्ताक्षर करने की शुरुआत करनी होगी और अपने घर में ही नहीं पड़ोस में भी हिंदी को बढ़ावा देना होगा। 


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संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर मारुति नंदन मिश्र ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है जबकि हिंदी हमारे प्राण के समान है। सरकार से हम सभी मांग करते हैं कि हिंदी को राजभाषा की जगह राष्ट्रभाषा का दर्जा शीघ्र दिया जाए इसके लिए अनुच्छेद में जरूरी संशोधन करने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव लाया जाए। यदि भव्य भारत का निर्माण करना है तो हिंदी को राजभाषा की जगह मातृभाषा के रूप में लागू करना ही होगा। इस अवसर पर डॉक्टर संजय मिश्रा, डॉ. ज्योति, डॉ.अजीत सिंह, डॉक्टर पिंकी पटेल, डॉ. भीम शंकर मिश्र, डॉ. धर्मेंद्र कुमार के अलावा तमाम शिक्षक एवं छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

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