आगरा जिले के थाना कागरोल में दो पुलिस कर्मचारीयों पर मध्य प्रदेश से आ रही ट्रक से पाँच हजार रुपये प्रति माह वसूली के आरोप में हाईकोर्ट ने भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज एफ. आई. आर. में याची की अंतरिम अग्रिम जमानत कुछ शर्तों के साथ मंजूर कर ली है जबकि विशेष न्यायाधीश निचली अदालत, मेरठ के द्वारा याची की अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई थी।
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आपको बता दें कि ट्रक के मालिक व ड्राइवर अशोक कुमार निवासी राजस्थान ने 2 पुलिस कर्मचारियों पर पाँच हजार रुपये प्रतिमाह ट्रक से अवैध वसूली करने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत थाना कागरौल में एफ. आई. आर. दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने अपने को ट्रांसपोर्टर बताते हुए खुद एफ. आई .आर. में कहा कि कभी कभी ट्रक ओवरलोड रहती थी इसलिए पांच -पाँच हजार रुपये महीने कंप्यूटर आपरेटर अरुण सिंह व मुंसी सत्यपाल सिंह को प्रतिमाह देता था।
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इस पर याची सत्यपाल सिंह, मुंसी पुलिस कर्मचारी की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने मा. न्यायमूर्ति समित गोपाल के समक्ष बहस में बताया की याची खेरागढ़ थाना, जिला आगरा में मुंसी के पद पर कार्यरत है और दूसरे थाने कागरौल के अंतर्गत शिकायतकर्ता की ट्रक का सुबह के समय पंद्रह हजार रुपये का चालन कर गाड़ी सीज होने पर झूठा आरोप लगाया गया है। ट्रक चालक / मालिक ने अपना एक वीडियो पत्रकार सचिन गोयल के द्वारा बनवा कर वायरल करवा दिया। एसएसपी आगरा प्रभाकर चौधरी के संज्ञान में आने पर बिना जांच के थानाध्यक्ष कागरौल ने वायरल वीडियो के आधार पर रात्रि में एफ. आई. आर. दर्ज कर ली। याची ने कोई भी पैसे की मांग नही की और न ही कोई रिकवरी हुई है। शिकायतकर्ता ने खुद माना है वह अवैध तरीके से ओवरलोड ट्रक चलाता है और किसी दूसरे ब्यक्ति को ड्राइवर बता कर उसके द्वारा ट्रक चलाने को कहा गया है जबकि चालान के समय ट्रक का मालिक ही ड्राइवर था और ट्रक मालिक का चालान डी.एल. न होने पर पंद्रह हजार का किया गया है। पत्रकार थाने पर आता था जिसकी मदद नही करने पर उसने याची को देख लेने की धमकी दी थी और जैसे ही ट्रक का चालान हुआ उसने ट्रक के मालिक के द्वारा झूठा आरोप लगाने का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
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पूर्व में दूसरे आरोपी अरुण सिंह को अंतरिम अग्रिम जमानत मिल चुकी है*जिस पर न्यायालय ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश पारित करने के साथ याची सत्यपाल सिंह मुंसी को कुछ शर्तों के साथ पचास हजार रुपये के निजी मुचलके दो जमानतदारों के साथ भरने पर अंतरिम अग्रिम जमानत अगली सुनवाई 10 नम्बर तक या पुलिस रिपोर्ट दाखिल करने तक मंजूर कर ली और याची को दस दिन के अंदर एसएसपी आगरा को आदेश की प्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है जो इस आदेश का अनुपालन करेंगे।
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