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Friday, September 16, 2022

बेहतर एंबुलेंस सेवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर

वाराणसी: जिले में एंबुलेंस सेवाओं 108 (आकस्मिक परिवहन सेवा) व 102 की अब नियमित समीक्षा होगी। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाए रखे हैं। आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई करें। यह कहना है जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि एंबुलेंस सेवा में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।


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इस संबंध में गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बैठक के दौरान सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जनपदवासियों को 24 घंटे चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रही है। किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो इसके लिए समस्त 108 और 102 एंबुलेंस पर लगातार निगरानी की जा रही है और समय-समय पर निरीक्षण व जांच भी की जा रही है। सीएमओ ने बताया कि जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लिए कुल 66 एंबुलेंस तैनात हैं। इसमें 108 एंबुलेंस 28 और 102 एंबुलेंस 38 शामिल हैं। इसके अलावा 3 एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस शामिल हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मरीज या परिजन के कॉल आने के तुरंत बाद 108 एंबुलेंस का गंतव्य स्थान तक पहुँचने का औसत समय 15 मिनट निर्धारित है। जबकि 102 एंबुलेंस का कॉल आने के तुरंत बाद गंतव्य स्थान तक पहुँचने को लेकर ग्रामीण क्षेत्र का औसत समय 30 मिनट और शहर का 20 मिनट निर्धारित है। सीएमओ ने समस्त एंबुलेंसकर्मियों को निर्देशित किया कि वह मरीज व परिजनों के कॉल की समय सीमा पर प्रतिक्रिया देते हुये जल्द से जल्द चिकित्सीय सुविधा का लाभ प्रदान कराएं। आपातकालीन वाली घटनाओं में एंबुलेंसकर्मी सतर्क मोड पर रहें जिससे मरीज या परिजन के कॉल की प्राथमिकता के आधार पर सेवाएं प्रदान करा सकें। इस कार्य में किसी भी प्रकार लापरवाही पाये जाने पर संबन्धित एजेंसी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने हेतु महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं, को पत्र प्रेषित किया जाएगा।


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एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद ने बताया कि ढाई लाख किलोमीटर से ऊपर चल रहे सभी एंबुलेंस को क्रमवार शासन स्तर पर सूचित कर निष्प्रयोज्य घोषित करते हुये एंबुलेंस को हटाया जा रहा है। इस क्रम में जनपद को अब तक 17 नई 108 एंबुलेंस प्रदान की जा चुकी हैं जो सभी आवश्यक जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित और वातानुकूलित हैं। जनपद में यह समस्त एंबुलेंस जीवीके कंपनी द्वारा संचालित की जा रही हैं।

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इन्सेट.....

यह है एंबुलेंस सेवा की प्रक्रिया - जैसे ही कोई व्यक्ति 102 या 108 नंबर पर डायल कर एंबुलेंस प्राप्त करना चाहता है तो उसकी कॉल सर्वप्रथम लखनऊ स्थित कंट्रोल रूम में रिसीव की जाती है। संबन्धित व्यक्ति से कंट्रोल रूम में समस्त सूचनाएं प्राप्त करते हुये उसके लोकेशन के अनुसार आसपास में स्थित खाली एंबुलेंस के ईएमटी/पायलट को अवगत कराया जाता है। इसके पश्चात ईएमटी  संबन्धित व्यक्ति/रोगी से कॉल से जुड़ कर स्थल तक पहुंचता है। इसके बाद संबन्धित व्यक्ति/रोगी को नजदीकी सरकारी चिकित्सालय इलाज के लिए पहुंचाया जाता है।

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