चंदौली रेवसां स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पिछले 4 महीनों से प्रधानाचार्य के ना होने पर यहां की शिक्षा व्यवस्था व सारे नियम कानून हुए बेपटरी हो गयी है आपको बतादें कि प्रधानाचार्य जयप्रकाश के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान करौंदी के प्रधानाचार्य को कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया है. लेकिन पिछले चार महीने में शायद एक या दो बार प्रधानाचार्य महोदय के पवन कदम इस आईटीआई में पड़े होगे. आपको बतादें के यह वही प्रधानाचार्य महोदय है जिनके ऊपर कई सारे घोटाले के आरोप लगे हुए.
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लेकिन खेद का विषय यह है कि माननीय विकास पुरुष कहे जाने वाले कौशल विकास मंत्री के संसदीय क्षेत्र चंदौली के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में प्रधानाचार्य का पद रिक्त होने से यह दर्शाता है कि अभी भी चंदौली जिला अति पिछड़े जिलों के अंतर्गत आता है जिसमें केवल शिक्षा व्यवस्था के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है चंदौली के कर्मचारियों को छोटे-छोटे कामों के लिए करौंदी आईटीआई में आना जाना पड़ता है जिसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है प्रधानाचार्य के न रहने से सारे कार्य अधर में लटके हुए हैं.
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कई सारी योजनाओं पर ग्रहण लग गया है यह विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही को दर्शाता है जबकि आईटीआई का सत्र भी प्रारंभ होने को है व प्रवेश प्रक्रिया के समय प्रधानाचार्य का ना होना व स्टाफ की अनियमितता समय से ना आना न जाना इत्यादि बहुत से कमियों को दर्शाता है जो कि एक सांसद व कौशल विकास मंत्री के संसदीय क्षेत्र एसी की घटना यह दर्शाता है कि सच में चिराग तले अंधेरा ही होता है जबकि जिलाधिकारी कार्यालय से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर वह जिले में बहुत से मंत्रियों का आना जाना लगा रहता है परंतु किसी का भी राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रेउसा में ध्यान नहीं जाता है.
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जो अत्यंत खेद का विषय प्रदर्शित करता होता अब देखना है कि जानकारी होने के बाद संबंधित अधिकारी नीद से जागते है या नही और कोई ठोस कदम उठाते है की नही क्योकि जहा एक ओर सरकार अच्छी शिक्षा व्यवस्था का दावा कर रही वही अधिकारी अपनी नाकामियों पर परदा डाल रहें है. इससे यही साबित होता है कि सरकार चाहे जो भी कर हम नही सुधरेंगे क्योकि अगर यहा के पदाधिकारियों को बच्चों के भविष्य की चिंता होती तो वह इसके खिलाफ खड़े होते और कोई नया प्राचार्य अब तक नियुक्त हो चुके होते लेकिन ऐसा नही हुआ है अभी तक.
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