Latest News

Wednesday, July 20, 2022

स्कूल-कॉलेजों में मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

वाराणसी: बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने के लिए बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस अभियान के तहत एक से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी । कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है । स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। एनीमिया को नियंत्रित किया जा सकता है।


जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की फर्जी वेबसाइट से सावधान – सीएमओ

सीएमओ ने बताया कि दिवस के लिए सम्पूर्ण तैयारियाँ कर ली गयी हैं। अभियान के तहत एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। किसी कारणवश दवा खाने से छूट जाने से बच्चों व किशोर-किशोरियों को 25 से 27 जुलाई तक चलने वाले मॉप अप चरण में दवा खिलाई जाएगी। आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस बात का ध्यान रखें कि इस दवा को चबाकर, पीसकर या चूरा बनाकर खिलाई जानी है। उन्होने बताया कि एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी। छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।

गर्भावस्था में है टीबी तो बरतें सावधानीं वर्ना होगी बड़ी परेशानी

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि जनपद में 20 जुलाई को चिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 25 से 27 जुलाई तक मॉपअप चरण आयोजित होंगे। शासन से प्राप्त निर्देशानुसार जिले में 16,37,011 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 

वूमेंस स्पिरिट क्रिएशन सोसायटी एवम अग्रवाल युवा संघ काशी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया मेले का आयोजन

क्या होते हैं कृमि - पेट में कीड़े (कृमि) होने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। बच्चों में नाखून से बाहर की गंदगी उनके पेट में जाती है। इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है। 

लक्षण - बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन मे कमी, भूख न लगना, खून की कमी (एनीमिया) व पेट मे दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं ।

पूर्व कैबिनेट मंत्री और सुभासपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर मंडल स्तरीय संगठन समीक्षा बैठक में हुए शामिल

उपाय - नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढक कर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियाँ धोएँ, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएँ विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनकर रहें। 

लाभ - दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है। स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है।

आयुर्वेद में है किडनी, शुगर और बवासीर जैसे असाध्य रोंगों को जड़ से ख़त्म करने की क्षमता - डॉ. बी.के. चौरसिया का दावा

इस आर्टिकल को शेयर करें

हमारे Whatsapp Group से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें 

अपने शहर की खास खबरों को अपने फ़ोन पर पाने के लिए ज्वाइन करे हमारा Whatsapp Group मोबाइल नंबर 09355459755 / खबर और विज्ञापन के लिए सम्पर्क करें।

No comments:

Post a Comment