वाराणसी: 5 जून अखिल भारतीय सनातन समिति जैतपुरा वाराणसी द्वारा आयोजित जैतपुरा स्थित मां बागेश्वरी देवी के मैदान में चल रहे रामकथा के पांचवे दिन कथावाचक डॉ महन्त श्रवण दास जी काशी ने कहा कि इस घोर कलयुग के समस्त विघ्न एवं क्लेश को दूर करने के लिए सत्संग में जाना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यदि आपको भूख लगा है तो जहां भोजन करना आवश्यक है, वैसे ही मन अशांत होने पर भजन जरूरी है। यदि पेट का खुराक अन्न है, तो आत्मा का खुराक केवल कथा एवं सत्संग ही हो सकता है।
मानस सत्संग के अंत में मुख्य वक्ता पूज्य संत बालक दास जी महाराज जी ने अहिल्या उद्धार की कथा सुनाकर उपस्थित भक्त जनों को यह बताया कि एक न एक दिन प्रभु के ऊपर अधिक विश्वास करने वाले का प्रभु अवश्य ही उद्धार करते हैं। इस अवसर पर रामकथा में सीता जी के स्वयंवर की चर्चा एवं राम विवाह की मनोहर व्याख्या करते हुए उन्होनें उपस्थित कथा प्रेमियों को अति आनंद की अनुभूति का साक्षात दर्शन कराया तथा महाराज जनक के शंका का निर्मूल समाधान भी किया। इस अवसर पर पूरा पंडाल प्रभु श्री रामचंद्र जी सहित लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न के विवाह के सुखद दर्शन प्राप्त कर के श्री राम चंद्र की जय एवं हर हर महादेव के नारे से वहां का वातावरण भक्तिमय हो उठा।
मंच का संचालन प्रधान सचिव राजेश सेठ ने किया। अंत में व्यासपीठ की आरती पंडित परमहंस दूबे, रविशंकर सिंह, डॉ अजय जायसवाल, जयशंकर गुप्ता, किशोर सेठ, कमल कुमार सिंह, शिशिर कुमार, प्रमोद यादव मुन्ना, वतन कुशवाहा, रवि प्रकाश जायसवाल, ज्ञानचंद मौर्य, आनंद कुमार मौर्य, डॉ पुष्पा जयसवाल, चंद्रलेखा मौर्य, बनारसी अग्रहरि, श्रीप्रकाश जायसवाल की।
No comments:
Post a Comment