परिवहन विभाग पूरे यूपी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित लर्नर लाइसेंस बनाने की तैयारियों में जुट गया है। इससे जहां आवेदकों को सुविधा होगी, वहीं फर्जीवाड़ा होने की आशंका पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
विभाग ने इस प्रस्ताव को अपनी 100 दिनों की कार्ययोजना का हिस्सा बनाया
है। लर्नर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित बनाए
जाने के बाद बिना आधार कार्ड वाले आवेदक भी अपने घर बैठकर या किसी साइबर कैफे में
जाकर विभागीय टेस्ट में हिस्सा ले सकेंगे।
अभी तक केवल आधार कार्ड धारक आवेदकों
को ही यह सुविधा मिली हुई है। वे घर बैठे विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर टेस्ट की
प्रक्रिया में हिस्सा ले लेते हैं। आधार कार्ड पर लगी फोटो से मिलान करके विभागीय
पोर्टल उसकी भौतिक उपस्थिति को सत्यापित कर लेता है।
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रोबोटिक सॉफ्टवेयर आवेदकों का
टेस्ट लेगा
लाइसेंस के लिए एक खास तरह के
टेस्टिंग ट्रैक तैयार किए जा रहे हैं। इस ट्रैक पर एक रोबोटिक सॉफ्टवेयर आवेदकों
का ड्राइविंग टेस्ट लेगा। टेस्ट में रोबोटिक सॉफ्टवेयर आवेदक की गलतियों को
परखेगा। यदि आवेदक कोई गलती करेगा तो सिस्टम स्वत: उसे फेल कर देगा। परिवहन विभाग
की अगले दो साल में निजी क्षेत्र में भी 10 आटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन बनवाने की
योजना है।
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