वाराणसी: संकट मोचन फाउंडेशन, मदर्स फॉर मदर व ओज ग्रीन के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को विश्व जल दिवस के अवसर पर गंगा की स्वच्छता के लिए मानव श्रृंखला बनाकर लोगों को जागरूक किया गया। इस मौके पर सभी लोगों ने संकल्प लिया कि वह माॅं गंगा में गंदगी नहीं करेगें और दुसरो को भी इसके लिए प्रेरित करेगें। साथ ही साथ स्थानीय प्रशासन और शासन से आग्रह किया गया है कि माॅं गंगा को निर्मल अविरल बनाने के लिए व्यवहारिक योजनाओ को मूर्त रूप देने के लिए ठोस कदम उठायें।
मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार डाॅ0 जीतेंद्रनाथ मिश्र ने कहा, गंगा की स्वच्छता के दावे धरातल पर खरे नहीं उतरते। वास्तविकता अलग है। गंगा ने हमारी मनौतियों को पूरा किया। गंगा से हमारा रिश्ता मां-बेटे या बेटी का है। गंगा हमारे सुख-दुख की सहभागी रही है। गंगा में सीवेज व फैक्ट्रियों से गिर रहा दूषित जल बंद हो। विकास तो हो लेकिन अंध विकास न हो।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे श्री संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि आज प्रोपोगंडा मशीन ने गंगा को आचमन योग्य बता दिया है। मध्य गंगा व शहर के बाहर गंगा सदा से आचमन योग्य रही हैं। यह नई बात नहीं हैं। गंगा की खराब स्थिति गंगा के पश्चिमी तट से गिरने वाले मलजल के कारण होती है। इसे बंद किया जाना चाहिए। गंगा जीवन का माध्यम है, एक नदी मात्र नहीं है। हमें मिलकर गंगा की स्वच्छता का चिंतन करना होगा। हम गंगा के प्रति तबतक चिंतित रहेंगे जबतक कि गंगा पूरी स्वच्छ नहीं हो जाती।
फाउंडेशन के निदेशक प्रो0 सिद्धनाथ मिश्र उपाध्याय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भूमिगत जल के संरक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया है। गंगा में भूमिगत जल भी आता है। आज तालाबों व कुओं से जल गायब है। सभी जल स्रोतों को संरक्षित करना जरूरी है। सभी छोटे-बड़े नालों को गंगा में गिरने से रोका जाए। सभी जल स्रोत्र पुराने रूप में लाये जाने जरूरी हैं। आज गंगा को पुरानी स्थिति में लाने की जरूरत है। अतिथियो का स्वागत मदर्स फार मदर की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती आभा मिश्र ने किया उन्होंने कहा कि गंगा का संरक्षण जीवन का संरक्षण है। गंगा हमारे जीवन से जुड़ी हैं। मातृ शक्ति गंगा को स्वच्छ रखने हेतु संकल्पित है.
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आईएमएस बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो. त्रिभुवन मोहन महापात्रा ने कहा कि हमें सम्मिलित रूप से गंगा की स्वच्छता का प्रयास करना होगा। मैत्री भवन के निदेशक फादर फिलिप डेनिस ने कहा भारत की विशेषता पानी की समृद्धता से है। सभी को अपने जीवन मे जल संरक्षण के प्रति सचेत रहना चाहिए। प्रख्यात फुटबाल कोच फरमान हैदर ने कहा गंगा से अच्छा पानी कहीं नहीं है। हम जब चाहेंगे गंगा स्वच्छ हो जाएगी। अधिवक्ता आरपी सिंह गौतम ने कहा हम स्वयं के प्रयास से गंगा को स्वच्छ रखें। समाज सेवीका श्रीमती सरोजनी महापात्रा ने कहा कि जब सभी गंगा को अपना मान लेंगे तब गंगा की स्वच्छता हो जाएगी। हमें गंगा में गंदगी नहीं करनी चाहिए। कार्यक्रम की शुरुआत मंगला चरण से स्वर्ण प्रताप चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर ममता तिवारी ने गंगा से सम्बंधित कविता पाठ किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुऐ वरिष्ठ प्रत्रकार श्री राजेन्द्र कुमार दुबे ने कहा कि मर्यादा है इस देश की पहचान हैं गंगा इसके अक्छुड़ता के लिए सभी लोग अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन राजेश मिश्र ने किया। इस कार्यक्रम के संयोजन में अशोक पांडेय, गोपाल पांडेय, प्रभुदत्त त्रिपाठी,डाॅ0 अनूप मिश्रा, हृदया नारायण मिश्र, राजेश त्रिपाठी, डाॅ0 एच.एन. मिश्र आदि लोगो का सहयोग रहा।
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