पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को बूथ विजय सम्मेलन के लिए बनारस पहुंचे। इस दौरान भी पीएम ने अखिलेश यादव पर हमला किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी का नाम लिये कहा कि जब काशी विश्वनाथ धाम का शुभारंभ हो रहा था तो कुछ लोग निचले स्तर तक गिर गए थे। काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मृत्यु की कामना पर भी मुझे बहुत आनंद आया।
मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी यह देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना
स्नेह है। मतलब मेरी मृत्यु तक न काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और न काशी मुझे
छोड़ेगी। अगर काशी की सेवा करते करते मेरी मृत्यु लिखी होगी तो इससे बड़ा सौभाग्य
क्या होगा। अगर भक्तों की सेवा करते करते चला जाऊं तो उससे बढ़िया क्या होगा। यह
जिंदा शहर बनारस है। यह मुक्ति का रास्ता खोलता है। परिवारवादी लोग इसे नहीं समझ
सकते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी जब काशी
विश्वनाथ धाम का उद्घाटन करने बनारस आए थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक सवाल
के जवाब में कहा था कि अंतिम समय में लोगों को काशी में ही रहना चाहिए। प्रधानमंत्री
मोदी ने उसी का आज जवाब दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले घोर परिवारवादियों ने सरकार चलाई। उनकी
पार्टी के साथ घोर परिवारवाद और माफियावाद जुड़ा हुआ है। हमारे परिवार के साथ सेवा
जुड़ा हुआ है। कोरोना काल इसका उदाहरण है। हमारे लोगों ने घर-घर दवाइयां और राशन
पहुंचाया। बनारस में कितने विदेशी नागरिक फंस गए थे, लेकिन काशी के लोगों ने उन्हें कोई तकलीफ नहीं
होने दी।
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पहले घोर परिवाववादी लोग हमारे कामों में
अड़ंगा लगा देते थे। इन घोर परिवारवादियों ने ये धारणा बना रखी थी
कि बनारस बदहाल रहा है और बदहाल ही रहेगा, लेकिन महादेव के आशीर्वाद से बनारस बदल रहा है। काशी भारत की संस्कृति की प्राचीन राजधानी रही
है, लेकिन पिछली सरकारों ने बनारस को विकास से
वंचित रख कर यहां के लोगों को परेशानियों के गर्त में धकेलने की कोशिश की।
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो काम किया है, वह मेडिकल कॉलेज के रूप में दिखाई देते है।
पहले के मुकाबले दोगुने मेडिकल कॉलेज हो गए हैं। बूथ कार्यकर्ताओं से कहा कि आप
सरकार के काम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
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कहा कि महाशविरात्रि पर लाखों भक्त आएंगे।
बाहर से आने वाले भक्तों की हमें सेवा करनी है। पिछली सरकारों ने बनारस को विकास
से वंचित रखकर लोगों को परेशान किया। उनकी धारणा था कि बनारस बदहाल रहा है, ऐसे ही बदहाल रहेगा। आज बनारस बदल रहा है। आज
काशी की गरिमा के अनुसार काशी बन रहा है। बाबा विश्वनाथाथ और गंगा एक साथ जुड़े
हैं। गंगा के घाट स्वच्छ हो रहे हैं। लोग गौरव के साथ बनारस के सुंदरीकरण की
तस्वीरें डालते हैं तो अच्छा लगता है।
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बनारस की तरह हर तीर्थ
स्थल का विकास हमारी प्राथमिकता है। यहां पर विकास से आर्थिक विकास को गति मिलती
है। लेकिन माफियावादी लोग हर विकास को सांप्रदायिक चश्मे से देखते हैं। मुझे
वाराणसी में लोगों का इतना प्यार और सम्मान मिला है। मेरी अनुपस्थिति में आप सभी
भाजपा कार्यकर्ता ही पूरा काम संभालते हैं। आप मेरे लिए एक ओपन यूनिवर्सिटी की तरह
हैं
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