रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में भारतीय छात्र स्वदेश लौटने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। यूक्रेन से हवाई सेवाएं पूरी तरह बंद होने के कारण भारतीय छात्र अब यूक्रेन से लगते अन्य देशों के रास्ते वतन वापसी की कोशिश में जुटे हैं। छात्र पोलैंड (Poland) और हंगरी (Hungary) जैसे देशों के रास्ते भारत वापस लौटने के रास्ते तलाश रहे हैं, लेकिन उनके पास इन देशों तक पहुंचने के लिए भी कोई साधन नहीं है। ऐसे में अरवल के एक छात्र ने परिवार को संदेश भेजकर बताया है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच 250 भारतीय छात्र यूक्रेन-पोलैंड सीमा की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं। ऐसा संदेश भेजने वाले अरवल के मेडिकल छात्र विवेक कुमार हैं। वह खुद इस समूह में शामिल हैं।
पोलैंड की सीमा से 80 किलोमीटर दूर रह रहे थे ये सभी
छात्र
पोलैंड
की सीमा से 80 किलोमीटर दूर लविवि में एक मेडिकल कॉलेज में सभी छात्र हास्टल में
रह रहे थे। विवेक के चाचा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से सभी छात्र टैक्सी लेकर वहां
से शुक्रवार की शाम पांच बजे निकले थे, लेकिन सीमा से बहुत पहले ही
जगह-जगह रास्ता अवरूद्ध होने के कारण टैक्सी छात्रों को छोड़कर लौट गई। वहां से
सभी छात्र पैदल ही पोलैंड सीमा की ओर निकल पड़े हैं।
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विवेक ने बताया- अब तक 20 किलोमीटर चल चुके हैं पैदल
संदेश
में विवेक ने बताया कि अब तक वे लोग 20 किमी पैदल चल चुके हैं। उनके
पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है। विवेक के पिता बलवंत कुमार असम के तेजपुर में फौज
में सूबेदार हैं। मां रूबी देवी पटना में रहती हैं। छोटा बेटा हिमांशु कुमार
दिल्ली में पढ़ाई करता है। सभी काफी चिंतिंत हैं। यूक्रेन में तापमान -चार डिग्री
होेने के कारण छात्रों को काफी दिक्कत आ रही है। विवेक के साथ उसके तीन दोस्त भी
हैं। उससे शनिवार सुबह दस बजे भी बात हुई है।
पोलिंग बूथ पर मोबाइल ले जाने की मांग, वजह जान आप भी कहेंगे- बात में दम है!
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