यूपी के सीतापुर जेल में बंद रामपुर से सपा के सांसद मोहम्मद आजम खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में तीन दिनों तक चली लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. सपा सांसद आजम खान के वकीलों व सरकारी वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की एकलपीठ ने निर्णय सुरक्षित किया है.
इस मामले
में अगले सप्ताह हाई कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. रामपुर के समाजवादी पार्टी सांसद
को अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिल भी जाती है, तब भी वह सीतापुर जेल में सलाखों
के पीछे ही रहेंगे. क्योंकि समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान कई अन्य मामलों में
आरोपित हैं, जिनमें
उन्हें अभी जमानत नहीं मिल सकी है.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में शत्रु
संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप आजम खान पर लगा था. इस मामले में समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान के खिलाफ रामपुर में मुकदमा दर्ज हुआ है. इस
मुकदमे में समाजवादी पार्टी सांसद की जमानत
अर्जी अधीनस्थ न्यायालय से खारिज हो चुकी है, जिसके बाद उनकी
तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी.
इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान के वकील मोहम्मद खालिद ने कहा कि उनके मुवक्किल
को राजनीतिक कारणों से बेवजह फंसाया गया है. वहीं यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील
ने अदालत के सामने अपनी दलील में कहा कि रामपुर समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान ने अवैध तरीके से शत्रु संपत्ति पर कब्जा किया
है.
समाजवादी
पार्टी सांसद ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर इसे
जौहर विश्विद्यालय परिसर में नियम विरुद्ध तरीके से शामिल कराया है. तीन दिनों तक
चली लंबी सुनवाई में दोनों पक्षों की
दलीलें सुनने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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