निदेशक महिला कल्याण ने पूरे उत्तर प्रदेश के डीएम और एसपी को पत्र भेज कर दहेज पर प्रभावी लगाम लगाने का संदेश दिया है। अब 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सभी सरकारी कर्मचारी इस बाबत सरकार को घोषणा पत्र देंगे कि उन्होंने दहेज नहीं लिया है। इसकी वजह से अब उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी वालों के लाखों और करोड़ों में बिकने की जानकारियां उनकी नौकरी पर खतरे की घंटी साबित होने जा रही हैं।
जी हाँ दहेज उन्मूलन की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने
महत्वपूर्ण कदम बढाया है। 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सभी
सरकारी कर्मचारियों को विवाह के समय दहेज नही लिए हैं का स्वहस्ताक्षरित घोषणा
पत्र अपने नियुक्ति अधिकारी को प्रदान करना होगा। उक्त आशय की घोषणा पत्र, प्रमाण पत्र न देने वाले सरकारी कर्मचारियों पर कार्यवाई होगी।
निदेशक महिला कल्याण उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार राय ने जिलाधिकारी व पुलिस
अधीक्षक को पत्र भेज कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दहेज प्रथा जो की एक
सामाजिक बुराई है इसको रोकने के उद्देश्य से यूपी दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 दिनांक 29 अक्टूबर 2021 प्रख्यापित की गई
है। तत्पश्चात दिनांक 31 मार्च 2004 को यूपी दहेज
प्रतिषेध नियमावली 2004 प्रथम संशोधन जारी करते हुए नियमावली के
नियम 5 में यह व्यवस्था की गई है।
इसके तहत प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपने विवाह के समय यह उल्लेख
करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि
उसने अपने विवाह में कोई दहेज नही लिया है से संबंधित सूचना, प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध
में सूचना, प्रमाण पत्र अभी प्रतीक्षित है। निदेशक ने पत्र
में कहा है कि अपने अधीन विभागों व कार्यालयों में 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सरकारी सेवकों से उपरोक्तानुसार घोंषणा पत्र
प्राप्त कर लिया जाय कि उन्होंने अपने विवाह के समय कोई दहेज नहीं लिया है। इस आशय
की संकलित सूचना, प्रमाण पत्र प्राप्त कर विभाग के ई-मेल आइडी पर 18 अक्टूबर 2021 तक अनिवार्य रुप से
भेज दिया जाय। यदि कोई कर्मचारी उक्त आशय की घोषणा पत्र नहीं देता है तो उसके
विरुद्ध कार्रवाई करने का कष्ट करें।
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