सपा से हरदोई सदर से विधायक नितिन अग्रवाल ने यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव जीत लिया है। नितिन अग्रवाल ने बीजेपी के समर्थन से सपा के विधायक नरेन्द्र सिंह वर्मा को शिकस्त दी। नितिन अग्रवाल को 304 और नरेन्द्र सिंह वर्मा को 60 वोट मिले। इस चुनाव में क्रास वोटिंग भी हुई।
विधान
भवन प्रांगण में सुबह 11 बजे
से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया दिन में 3 बजे तक चली। विधान सभा उपाध्यक्ष निर्वाचन
के लिए कुल 368 वोट
पड़े। इसमें से चार मत को अवैध घोषित किया गया। इसमें मतगणना कुल 364 वोट की हुई। इसमें नितिन अग्रवाल को 304 और नरेन्द्र सिंह वर्मा को 60 वोट मिले। उत्तर
प्रदेश विधानसभा
को लगभग 14 साल
बाद विधानसभा का उपाध्यक्ष मिला है। राजेश अग्रवाल 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के आखिरी
डिप्टी स्पीकर थे। उसके 14 साल
बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के लिए चुनाव हुआ। इसके लिए आज
विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया।
विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी ने सपा के बागी विधायक
नितिन अग्रवाल को समर्थन देकर मैदान में उतारा। सपा ने सीतापुर के विधायक नरेन्द्र
सिंह वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। सुबह 11.30 से दोपहर तीन बजे तक
हुए मतदान में जमकर क्रास वोटिंग की संभावना है। इस चुनाव में कांग्रेस और बहुजन
समाज पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया, लेकिन कांग्रेस के
बागी विधायक राकेश सिंह और अदिति सिंह ने बीजेपी के समर्थित प्रत्याशी नितिन
अग्रवाल के समर्थन में मतदान किया। सीतापुर सदर के बीजेपी
विधायक राकेश राठौर और अपना दल के आरके वर्मा ने बीजेपी के खिलाफ समाजवादी पार्टी
के प्रत्याशी को वोट दिया है।
बीजेपी के खिलाफ जंग का लगातार ऐलान कर रहे सुभासपा के चारों
विधायकों ने भी बीजेपी का समर्थन किया है। इसी तरह बहुजन समाज पार्टी के मतदान का
बहिष्कार के बावजूद आठ बागी विधायकों ने नरेन्द्र सिंह वर्मा को वोट दिया है। इस
दौरान बीजेपी के भी एक-दो विधायकों के क्रास वोटिंग करने की चर्चा है। इधर, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने बीजेपी पर चुनाव में
कैप्चरिंग और विधायकों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
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