बाराबंकी :- फिरौती की रकम ना मिलने पर
अधिवक्ता के पुत्र के मित्रो ने ही अगवा कर उसकी हत्या कर दी। राम सेवक यादव इंटर
कॉलेज के पीछे नाले के पास शव को झाड़ियों में छिपा दिया। फिरौती का फ़ोन आने पर
अधिवक्ता ने रात में ही नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया था। पुलिस मुक़दमा
दर्ज करने के बाद से आरोपियों की तलाश कर रही थी। इस मामले में दो आरोपियों को
गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की गयी। पुलिस ने शुक्रवार की सुबह शव को बरामद
कर लिया।
B.L Gautam पूर्व शासकीय अधिवक्ता थे। वह फतेहाबाद
में रहते हैं। उनका पुत्र आशुतोष गौतम(18)
बीए
की पढाई कर रहा था और सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था। आशुतोष गुरुवार की सुबह
से गायब था। परिजनों ने फोन करने का प्रयास किया तो फोन बंद आ रहा था। जब आशुतोष
के बड़े भाई ने 7:30 बजे शाम को फिर से फोन किया तो फोन
रिसीव करने वाले युवक ने बताया कि वह रफिफ है और वह लखनऊ से बोल रहा है। उसने 50 लाख
रुपए फिरौती के रूप में मांगे। इसी के साथ रफीक ने धमकी भी दी कि रुपए ना मिलने पर
वह आशुतोष की हत्या कर देगा। उसने बताया की रात 9:30
बजे
मोबाइल खुलेगा तो वह बताएगा कि रुपए लेकर कहां आना है।
नगर कोतवाली
में दर्ज कराया अपहरण का मुकदमा:
आशुतोष के अपहरण और फिरौती मांगे जाने की सूचना मिलने पर घर में हड़कंप
मच गया। जिसके बाद B.L Gautam कोतवाली पहुंचे और अपने आशुतोष के
अपहरण और फिरौती मांगे जाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। आशुतोष के अपहरण और फिरौती
मांगे जाने की खबर से पुलिस चौकी में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक ने कई टीमो को आशुतोष
की तलाश में लगवा दिया।
लखपेड़ाबाग में मिली फोन की लोकेशन:
पुलिस की सर्विलांस टीम को आशुतोष की मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला की
उसका मोबाइल लखपेड़ाबाग मोहल्ले में स्विच ऑफ हुआ था। पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी
करते हुए करीब 25 युवकों से पूछताछ की। इसमें बलिया
निवासी सतेंद्र और बहराइच निवासी नागेंद्र पकड़ में आ गए। पुलिस के कड़ाई से पूछताछ
करने के बाद उन दोनों ने पूरी सच्चाई उगल दी।
सुबह बरामद हुआ शव:
पकड़े गए आरोपी सत्येंद्र और नागेंद्र
ने बताया कि गुरुवार की शाम को आशुतोष उनके साथ मौजूद था। उन सबने ने शराब पी और
खाना खाया। इसी दौरान सत्येंद्र और नागेंद्र ने आशुतोष को अपने पिता से कुछ रुपए
मांगने के लिए कहा लेकिन आशुतोष ने मना कर दिया। इस पर सत्येंद्र और नागेंद्र ने
तवे से आशुतोष के सर के पीछे वार कर दिया। जिससे वह गिर पड़ा। इसके बाद सत्येंद्र और
नागेंद्र ने गला दबाकर आशुतोष की हत्या कर दी। आशुतोष के शव को राम सेवक यादव इंटर
कॉलेज के पीछे नाले के पास गड्ढा खोदकर दबा दिया फिर ऊपर से झाड़ी और ईंट रख दिया।
शुक्रवार सुबह पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आशुतोष के शव को बरामद किया और
पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पूछताछ से पता चला कि सत्येंद्र की बहन की शादी
फतेहाबाद में हुई है। जिससे चलते उसका वहां पर आना जाना लगा रहता था। सत्येंद्र
लखपेड़ाबाग में ठेला लगाता है जिससे उसकी पहचान आशुतोष से हुई थी।
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