यूपी के कौशांबी जिले में एक कारोबारी को फ्री में दिए गए बल्ब होल्डर में एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी का सिम लगा हुआ मिला है। होल्डर में सिम मिलने के बाद से हड़कंप मचा है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है। कुछ लोग इसे घर के भीतर नापाक निगाह बता रहे हैं तो किसी को बड़े आपराधिक गैंग की ब्लैकमेलिंग की साजिश समझ आ रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद यूपी एसटीएफ और एलआईयू ने जांच शुरू कर दी है। वहीं, गुरुवार को यूपी एटीएस की एक टीम भी इस केस की जांच के लिए कौशांबी पहुंच गई है।
कौशांबी की प्रमुख बाजारों में महीने भर पहले लोगों को
युवकों की एक टीम ने पहले 12 वॉट का
एलईडी बल्ब दिया। ये बल्ब कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) कंपनी का
था, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 175
रुपये है। युवकों ने इसे 10 रुपये
में बांटे। इसके बाद इन्हीं युवकों ने यह कहकर लोगों को फ्री में होल्डर भी थमा
दिया कि कंपनी की ओर से आफर दिया गया है। कंपनी ने इसके लिए आपको चिह्नित किया है।
फ्री का होल्डर मिलने पर लोगों ने उसमें एलईडी बल्ब लगा लिया।
जिले के भरवारी नगर पालिका के पुरानी बाजार निवासी बृजेश
केसरवानी को भी युवकों ने दो एलईडी बल्ब व दो होल्डर दिए थे। बृजेश खाद के बड़े
कारोबारी हैं। बृजेश केसरवानी को होल्डर नवरात्र के पहले दिन दिया गया था। जिस
युवक ने उनको होल्डर दिया था, उसके पास
लगभग 50 से अधिक लोगों की सूची पहले से
तैयार थी। तीन दिन पहले एक बल्ब ने जलना बंद कर दिया तो बृजेश होल्डर लेकर
इलेक्ट्रिशियन के पास पहुंचे। इलेक्ट्रिशियन ने होल्डर खोला तो दंग रह गया। होल्डर
के अंदर कार्ड बोर्ड था। इतना ही नहीं कार्ड बोर्ड में एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी का
सिम भी लगा हुआ था। इसके अलावा एक एरियर भी लगा था।
कुछ जानकारों का कहना है कि कार्ड बोर्ड के साथ दो छोटी व एक
बड़ी चिप अटैच है। चर्चा है कि इस होल्डर के जरिए घरों के भीतर निगरानी की जा रही
थी। वीडियो अथवा आडियो तैयार होने पर कार्ड में उसको स्टोर कर सिम के जरिए कोई
तीसरा व्यक्ति अपने पास ट्रांसफर ले रहा था। लोगों के बीच तमाम चर्चाएं हैं। कहा
जा रहा है कि किसी बड़े आपराधिक गैंग द्वारा ब्लैकमेलिंग के लिए यह साजिश रची गई है।
मामला सामने आने के बाद मुफ्त
में बल्ब होल्डर देने वाली कंपनी
कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) ने कहा कि भारत
सरकार की ग्राम उजाला योजना के तहत बल्ब और होल्डर दिए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में
इस योजना का शुभारंभ 3 अक्तूबर 2021
को हुआ था। कंपनी ने कहा कि कार्बन क्रेडिट की संख्या पता
करने को होल्डर में चिप और सिम लगाए गए हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है। यूपी एटीएस
की टीम ने कौशांबी में जांच शुरू कर दी है। वहीं, अपना
पक्ष रखने के लिए कंपनी के लोग कौशाम्बी पहुंच रहे हैं।
इस आर्टिकल को शेयर करें
No comments:
Post a Comment