यूपी में कोयले की वजह से उत्पन्न बिजली संकट में बारिश व बदलते मौसम से बड़ी राहत मिली है। बिजली की अधिकतम मांग जो पिछले कई दिनों से 20 हजार मेगावाट तक जा रही थी वहीं सोमवार को घटकर 15 हजार मेगावाट पर आ गई। न्यूनतम मांग 10 हजार मेगावाट रही। उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग घटने का लाभ सीधे ग्रामीण क्षेत्रों को दिया गया। गांवों को तय शिड्यूल से 2.49 घंटे और तहसीलों को एक घंटे अधिक बिजली दी गई। बुंदेलखंड जहां का शिड्यूल 20 घंटे का है वहां भी दो घंटे 12 मिनट अधिक बिजली की सप्लाई दी गई।
उधर, यूपी में
मांग में आई भारी गिरावट के बाद उ.प्र. राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने हरदुआगंज और
पारीछा उत्पादन गृह को पूरी तरह रिजर्व शटडाउन दे दिया है। इन दोनों उत्पादन गृहों
में कोयले की अधिक किल्लत लगातार चल रही थी। रिजर्व शटडाउन से इन दोनों उत्पादन
गृहों से कोयले की कमी से राहत मिलने की उम्मीद है। ऐसा बताया जाता है कि इनके लिए
पांच रेक कोयले के आ रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक उत्पादन निगम की 1292
मेगावाट की इकाइयां, निजी
घरानों की 80 मेगावाट की इकाई और एनटीपीसी की
200 मेगावाट की इकाई को रिजर्व शटडाउन दिया गया है। रविवार की
रात को पावर कारपोरेशन ने 19.9 मिलियन
यूनिट अतिरिक्त बिजली की खरीद महंगे दरों पर की।
वहीं पावर कारपोरेशन द्वारा कोयले की उपलब्धता के लिए हर
स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। बहुत जल्द स्थितियां सामान्य करने की कोशिशें की
जा रही हैं। सप्लाई सामान्य होने पर सभी इकाइयां फिर से पूरी क्षमता से उत्पादन
करने लगेंगी। पावर कारपोरेशन के अधिकारियों का मानना है कि मौसम ऐसे ही बना रहा तो
बिजली की मांग लगातार कम रहेगी, जिससे दिक्कतें
बहुत हद तक कम हो जाएंगी।
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