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Sunday, October 17, 2021

वाराणसी में 19 नंवबर से 16 दिसंबर तक होने वाले संघ के अमृत महोत्सव में जुटेंगे एक लाख स्वयं सेवक - www.purvanchalkhabar.co.in

देश की आजादी के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में देश भर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसका महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से किया जा रहा है। 19 नवंबर से महोत्सव का आयोजन होगा जो 16 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान विविध आयोजन होंगे। वंदे मातरम गायन प्रमुख आयोजन होगा जो सारनाथ में आयोजित किया जाएगा। इसमें एक लाख स्वयं सेवक के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।




ऐसे ही तिरंगा यात्रा भी पूरे शहर में निकाली जाएगी। भारत माता की आरती की जाएगी।

इससे पहले 20 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा व महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई जाएगी। सभी शाखाओं में आयोजन होगा। इसकी जानकारी रविवार को घोष पथ संचलन आयोजन में दी गई। आरएसएस के द्बारा घोष पथ संचलन आयोजित किया गया। काशी उत्तर भाग का विजय दशमी उत्सव का समापन घोष पथ संचलन के माध्यम से संपन्न हुआ। सुबह आठ बजे रामकुंड शाखा, रामकटोरा से प्रारंभ होकर लहुराबीर चौराहा, रामकटोरा चौराहा, धूपचंडी चौराहा, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय होते हुए फिर रामकुंड शाखा में समापन हुआ। घोष संचलन में घोष वादकों की ओर से सोनभद्र, किरण, भूप, पाठ क्रमांक दो और पांच का वादन किया गया। इस दौरान काशी उत्तर भाग संघचालक वीरेंद्र गुप्ता, पूर्वी उत्तर प्रदेश ग्राम विकास प्रमुख चंद्रमोहन, भाग कार्यवाह डा. आशीष, घोष प्रमुख प्रभात, नगर कार्यवाह डा. अजय कुमार, प्रांत कार्यालय प्रमुख श्याम, हरिओम, सुरेंद्र, योगेंद्र आदि मौजूद थे। बता दें कि विजय दशमी का कार्यक्रम तीन दिनों से संचालित था। पहले दिन विजय दशमी की पूर्व संध्या पर बड़ागांव में आयोजन हुआ। दूसरे दिन सारनाथ में तो तीसरे दिन पथ संचलन से समापन हुआ।


आरएसएस ने किया पथ संचलन, स्वयंसेवकों पर हुई पुष्प वर्षा


आरएसएस ने नगर में पथ संचलन किया। पथ संचलन रामनगर अयोध्या मैदान से शुरू होकर चौक सब्जी मंडी, गोपाल मंदिर, जानकी मंदिर, बटेश्वर हनुमान मंदिर से होते हुए वापस प्रारंभ स्थल पर आकर समाप्त हुआ। नगर में कई जगह पर कार्यकर्ताओं एवं आम लोगों ने स्वयं सेवकों पर पुष्प वर्षा की।नगर कार्यवाह यशपाल ने कहा कि विजयदशमी संघ द्वारा मनाए जाने वाले छह उत्सवों में से एक है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विजयादशमी के ही दिन वर्ष 1925 में डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने इसकी स्थापना की थी। संचलन में बाल स्वयंसेवकों के अतिरिक्त तरुण एवं पुराने स्वयंसेवकों ने भी भागीदारी की। सभी स्वयंसेवक अनुशासित रहकर घोष दल से कदमताल करते हुए आगे बढ़ रहे थे। पथ संचलन के दौरान नगर संघ चालक राजीव रंजन, पन्नालाल यादव अजय प्रताप सिंह, संतोष शर्मा, नंदलाल चौहान, राजकुमार सिंह,संतोष द्विवेदी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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