कोयले की कमी के चलते उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन का संकट बरकरार है। त्यौहारी सीजन में बिजली ना काटनी पड़े इसके लिए एनर्जी एक्सचेंज के तहत बहुत महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। मंगलवार की रात विद्युत कटौती रोकने को पावर कारपोरेशन को 17 रुपये प्रति यूनिट तक महंगी अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ी। हालांकि कुल खरीद का औसत 14 रुपये प्रति यूनिट रहा। जबकि सामान्य दिनों में बिजली की दर प्रति यूनिट छह रुपये से भी कम रहती है। इसका लाभ सीधे निजी घरानों को हो रहा है। इस बीच उर्जा मंत्री ने लोगों से बिजली बर्बाद न करने की अपील की है।
सीएम के निर्देश के बाद पावर कारपोरेशन ने उत्तर प्रदेश में
शहरी, ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों
को तय शेड्यूल के अनुसार या उससे अधिक विद्युत आपूर्ति करना शुरू किया है। कोयला
संकट के बीच विद्युत आपूर्ति सामान्य रखने के लिए पावर कारपोरेशन का कर्ज और बढ़ता
जा रहा है। मंगलवार को भी कारपोरेशन ने करीब 23 मिलियन
यूनिट बिजली की खरीद की। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र
दुबे का कहना है कि एनर्जी एक्सचेंज के तहत निजी घरानों ने बहुत मंहगे दर पर बिजली
बेचना शुरू कर दिया है। वहीं राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा
ने एनर्जी एक्सचेंज के नाम पर निजी कंपनियों द्वारा मुनाफाखोरी किए जाने का आरोप
लगाया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा बिजली महंगी है,
बर्बाद ना करें उपभोक्ता
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत मंत्री
पंडित श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को गोमती नगर स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर पहुंच
कर विद्युत आपूर्ति की समीक्षा की। पंडित श्रीकांत शर्मा ने अधिकारियों से कहा कि सीएम
ने घोषणा की है कि शाम छह बजे से सुबह सात बजे तक निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाए।
पंडित श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सरकार कटौती मुक्त आपूर्ति को लेकर बेहद गंभीर है।
पंडित श्रीकांत शर्मा ने उपभोक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि विगत दो दिनों से
निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के लिए 17 रुपये
प्रति यूनिट की दर तक बिजली खरीदी गई है, जो
सामान्य दरों से बहुत अधिक है। ऐसे में उपभोक्ता जितनी जरूरत हो,
सिर्फ उतनी ही बिजली का प्रयोग करें। पंडित श्रीकांत शर्मा ने
कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में करीब 10 हजार
मेगावाट अधिक बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
20269 मेगावाट रही
अधिकतम मांग
उधर, उत्तर
प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के उत्पादन प्लांटों,
को विद्युत आपूर्ति करने वाले निजी घरानों और एनटीपीसी की
इकाइयों से कुल 3100 मेगावाट बिजली का कम उत्पादन
हुआ। राज्य विद्युत उत्पादन निगम की इकाइयों से 700 मेगावाट
कम उत्पादन हुआ। निजी घरानों से मिलने वाली बिजली का भी 1800
मेगावाट कम उत्पादन हुआ। वहीं एनटीपीसी की इकाइयों में भी 600
मेगावाट बिजली कम बनीं। बुधवार को राज्य में अधिकतम डिमांड 20269
मेगावाट रही। जबकि मिनीमम डिमांग 12939
थी।
मांग के
सापेक्ष बिजली सप्लाई का दावा
कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज के मुताबिक गत दिवस राज्य
में बिजली की आपूर्ति बेहतर रही। अधिकतम मांग के अनुरूप ही बिजली की आपूर्ति की
गई। मंगलवार को उत्तर प्रदेश में कहीं भी बिजली कटौती नहीं की गई। जिला मुख्यालयों
व महानगरों को तय शिड्यूल के मुताबिक बिजली देने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में
अधिक बिजली दी गई।
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