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Tuesday, July 01, 2025

एनडीआरएफ की मुस्तैदी से बची एक और जान, गंगा में डूब रहे युवक को सुरक्षित बाहर निकाला

वाराणसी: आज दिनांक 01 जुलाई को मीर घाट पर एक बड़ा हादसा उस समय टल गया जब गोरखपुर निवासी 17 वर्षीय आयुष सिंह गंगा स्नान के दौरान गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। घाट पर स्नानार्थियों की सुरक्षा में तैनात एनडीआरएफ के जवानों की सतर्कता ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया।



एनडीआरएफ के एक रेस्क्यूअर ने जैसे ही आयुष सिंह को डूबते देखा, तुरंत बिना समय गंवाए गंगा नदी में छलांग लगा दी और साहसिक प्रयास करते हुए उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लाया। इस त्वरित कार्रवाई की बदौलत एक किशोर की जान बच गई।


एनडीआरएफ की तत्परता और समर्पण ने एक बार फिर साबित किया कि उनकी उपस्थिति घाटों पर कितनी आवश्यक और प्रभावशाली है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने जवान की सराहना करते हुए उनके साहस को सलाम किया।

Friday, June 27, 2025

बगैर मान्यता के चल रहे 37 स्कूलों की हुई पहचान, इन सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है आदेश

वाराणसी: शिक्षा विभाग ने 37 स्कूलों की पहचान की है, जो बिना मान्यता चल रहे थे. इनमें से कुछ स्कूलों में तो 70 से भी ज्यादा बच्चे पढ़ रहे थे और कोई भी यह नहीं जानता था कि ये स्कूल पूरी तरह अवैध हैं . अब इन सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और वहां पढऩे वाले बच्चों को पास के वैध स्कूलों में शिफ्ट किया गया है .



 
इन स्कूल्स ने न ही बच्चों की संख्या और न सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा किया था .ऐसे हुआ खुलासा 
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कई स्कूल बिना मान्यता और जरूरी कागजातों के संचालित हो रहे थे. शासन द्वारा पहले से जारी निर्देशों के बावजूद ये स्कूल बंद नहीं हुए थे. शिक्षा निदेशालय से प्राप्त आदेशों के बाद जनपद स्तर पर जांच की गई, जिसमें पाया गया कि 37 स्कूलों ने न तो मान्यता ली है और न ही बच्चों की संख्या और सुरक्षा से जुड़े मानकों को पूरा किया है.


37 में से 20 स्कूलों की लिस्ट में सरस्वती शिशु मंदिर अटेसुआ, विद्या मंदिर पुआरीकला आयर, बी. इंटरनेशनल बनियवॉपार आयर, ग्लोबल इंगलिश स्कूल हरिबल्लमपुर, राजाराम पब्लिक स्कूल हरिबल्लमपुर, गंगा उच्चतर स्कूल अटेसुआ, काशी इंगलिश स्कूल मुर्दहां, एसवीएन पब्लिक स्कूल कनियर नारायनपुर बड़ागांव, शकुन्तला एजूकेशन सोसायटी कनियर गोपालपुर बडागांव, सरस्वती विद्या मंदिर दबेथुआ बड़ागांव, आर्यभट्ठ ठठरा बड़ागांव, गुरू नानक अर्ली लर्निंग स्कूल नथईपुर बड़ागांव, बीके कॉन्वेंट स्कूल बसनी बड़ागांव, स्वास्तिक पब्लिक स्कूल गडख़ड़ा, गुरू नानक अर्ली लर्निंग स्कूल पिंडरा बाजार, सरदार पटेल पब्लिक स्कूल सरायसेख लार्ड सिन्धौरा, सरस्वती विद्या मंदिर गरथमा, पीआरसी चिल्ड्रेन अकादमी चांदपुर, सेंट जेवियर्स स्कूल लेढूपुर और डॉ. अमरनाथ स्कूल चोलापुर शामिल है.


बच्चों को दूसरे स्कूल में कराया शिफ्ट
इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को अब उनके क्षेत्रीय सरकारी या मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में भेजा गया है. शिक्षा विभाग ने इन सभी स्कूलों को नोटिस भेजकर तत्काल बंद करने का आदेश दिया. साथ ही कई पर फाइन भी लगाया गया. अब भविष्य में अगर ये स्कूल दोबारा खुलते हैं तो कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. स्कूल खोलने के लिए ये है मानक जिसमे बोर्ड से मान्यता लेना अनिवार्य होता है, कम से कम 1,000 वर्ग फीट का क्षेत्रफल, क्लासरूम और बैठने की व्यवस्था, खेल और प्ले एरिया, स्टाफ और टीचर्स की योग्यता, सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान जैसे फायर सेफ्टी और सीसीटीवी और निगरानी होनी चाहिए. अवध किशोर सिंह, डीआईओएस के अनुसार जो स्कूल मानकों का पालन नहीं कर रहे थे, उन्हें नोटिस भेजकर तत्काल बंद करने का आदेश दिया. साथ ही कई पर फाइन भी लगाया गया.

पूर्व MLC बृजेश सिंह ने युवाओं से की अपील, ध्यान और व्यायाम को बनाएं आदत, बदल जाएगी जिंदगी

वाराणसी: चर्चित पूर्व MLC बृजेश सिंह ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनका बचपन से ही धर्म के प्रति गहरा रुझान रहा है, जो उनके जीवन का अभिन्न अंग रहा। इस दौरान उन्होंने अपनी दिनचर्या में ध्यान और व्यायाम को अपनी कमजोरी करार दिया, जो उनके लिए न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक मजबूती का स्रोत भी रहा है।


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बृजेश सिंह ने युवाओं के लिए एक संदेश देते हुए कहा कि ध्यान और व्यायाम इन दो चीजों पर ध्यान देना उनके लिए बेहद जरूरी है। उनका मानना है कि इन आदतों से युवाओं को सोचने और करने की शक्ति प्राप्त होगी, जो उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के दौर में जहां तनाव और अनिश्चितता बढ़ रही है, वहां ये दोनों गतिविधियां एक संजीवनी का काम कर सकती हैं।

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इस बातचीत के दौरान बृजेश सिंह ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे ध्यान और व्यायाम ने उनके कठिन समय में उनका साथ दिया। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा समय निकालकर इन आदतों को अपनाएं, ताकि वे न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बन सकें। उनकी यह अपील सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है।

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वाराणसी 190 मकानों सहित 6 मस्जिदों पर गरजेगा बाबा का बुलडोजर

  • क्या वाराणसी में 190 मकानों सहित 6 मस्जिदों पर गरजेगा बुलडोजर? 
  • लाल निशान के विरोध में उतरे लोग। 
  • DM को भेजा पत्र, बोले-विकास नहीं विनाश।
  • पिछले दिनों सीएम योगी के निर्देश के बाद दालमंडी में जिला प्रशासन ने तेज की कार्रवाई, 17.5 मी चौड़ी की जानी है सड़क
  • वाराणसी दालमंडी में मापी के बाद लाल निशान लगाए गए. 

वाराणसी: दालमंडी इलाके में सड़क चौड़ीकरण को लेकर पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी की तरफ से नापी कर लाल निशान लगाए जाने की कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है. पीडब्ल्यूडी ने 190 मकानों और 6 मस्जिदों पर लाल निशान लगा दिया था, जिससे ये ध्वस्तीकरण की जद में आ गई हैं. इसे लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने जिलाधिकारी और पीडब्ल्यूडी को पत्र भेज कड़ा विरोध जताया है. कहा है कि बिना सूचना दिए नापी की गई है. 


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अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी मोहम्मद यासीन ने डीएम को भेजा है पत्र. दालमंडी चौड़ीकरण को लेकर मोहम्मद यासीन बेहद नाराज हैं. कहना है कि उन्होंने अधिकारियों को लेटर लिखा है. इस मार्ग पर तकरीबन 6 पुरानी मस्जिदों में से एक लंगड़े हाफिज की जिम्मेदारी हमारे ऊपर है. बिना सूचित वहां पर नपाई क्यों की गई. किसी भी हाल में मस्जिद से समझौता नहीं होगा. यह विकास नहीं, विनाश है. जो बसे बसाए लोग हैं, उनको उजाड़ रहे हैं, जो गलत है.यासीन ने कहा कि दालमंडी की ही अन्य मस्जिद को लेकर कोर्ट से स्टे प्राप्त है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हम जाएंगे. मंदिर में जाने के लिए और विकल्प अपनाए जा सकते हैं, दालमंडी को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है.

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दालमंडी में चौड़ीकरण के लिए होगा ध्वस्तीकरण. 

मोहम्मद यासीन का कहना है हमने जो लेटर भेजा है, उसमें हमने स्पष्ट तौर पर पूछा है कि क्या सबूत हैं, जो मस्जिद के हिस्से को अवैध बताया गया है. मस्जिद कमेटी होने के नाते पहले सूचना दी जाती फिर वहां पर नापी करवानी चाहिए थी.मोहम्मद यासीन का कहना है कि इस तरह की चीजें त्यौहार के समय नहीं होनी चाहिए. मोहर्रम और सावन का त्यौहार नजदीक है. लोगों में इस कार्रवाई के बाद उत्तेजना है. मुझे पूरा विश्वास है कि सरकार भी नहीं चाहती कि ऐसे समय में कोई बवाल हो या उपद्रव हो.

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दालमंडी में लाल निशान लगाए जाने का विरोध.

दो व्यस्त रास्तों नई सड़क और चौक को कनेक्ट करती है दालमंडी की सड़क.यह रास्ता 650 मीटर लंबा है, जो बेहद सकरा और अतिक्रमण की जद में है.पूरा मार्केट मिनी पालिका बाजार के नाम से जाना जाता है, जहां कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल एसेसरीज सहित कई जरूरत के सामानों के होलसेल और रिटेल करोबार का हब है.इस प्रोजेक्ट में प्रभावित लोगों को मुआवजे के लिए 194 करोड़ और यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए 3 करोड़ रुपए की मांग सरकार से की गई है.

सिविल वर्क के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है, जिस पर 24 करोड रुपए खर्च होंगे.मई के महीने में इस प्रोजेक्ट के लिए 197 करोड़ का रिवाइज्ड इस्टीमेट प्रशासन ने सरकार को भेजा है. काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और भीड़ को देखते हुए यह दूसरे रास्ते के विकल्प के तौर पर तैयार किया जाएगा. पहले इस सड़क को 15 मीटर चौड़ा किया जाना था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 17.5 मीटर किया गया है. ये 6 मस्जिदें, जिन पर लगा लाल निशान लगाया गया है जिसमें लंगड़ा हाफिज मस्जिद, निसारन मस्जिद, रंगीले शाह मस्जिद, अली रजा मस्जिद, संगमरमर मस्जिद और मस्जिद मिर्जा करीमुल्ला बैग शामिल है।

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क्या है प्लान: दालमंडी वाले इस रास्ते को विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए एक नए रास्ते के रूप में डेवलप करने का प्लान पिछले दिनों तैयार किया गया था. इस सड़क को चौड़ा करने के लिए 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट तैयार किया गया था. इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 में दो करोड़ रिलीज भी कर दिए गए हैं. इस बजट से यहां पर अतिक्रमण हटाने से लेकर मुआवजा की राशि देने तक का काम किया जाएगा.

वाराणसी की दालमंडी योगी के निर्देश के बाद तेजी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिनों पहले वाराणसी में समीक्षा बैठक के दौरान दालमंडी के काम को तेज करने का निर्देश दिए थे. इसके बाद अब एक बार फिर से दालमंडी को लेकर अधिकारियों ने यहां पर तेजी दिखानी शुरू कर दी है. इसके बाद नगर निगम, पीडब्ल्यूडी समेत अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दालमंडी से लेकर लंगड़ा हाफिज मस्जिद तक नाप के बाद लाल निशान लगाने का काम बीते शनिवार को शुरू किया गया है.

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वाराणसी में मोहर्रम को लेकर पुलिस अलर्ट, पारंपरिक तरीके से निकलेंगे जुलूस, हथियारों का नहीं होगा प्रदर्शन

वाराणसी: मोहर्रम पर्व को शांतिपूर्वक और पारंपरिक ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से काशी जोन की पीस कमेटी की बैठक चेतगंज स्थित एक भवन में हुई। एडीसीपी टी. सरवन के नेतृत्व में आयोजित मीटिंग में ताजिये के जुलूस, ऊंचाई आदि को लेकर चर्चा की गई। ताजियेदारों ने अपनी समस्याएं भी बताईं। पुलिस अधिकारियों ने परंपरागत तरीके से ही जुलूस निकालने और हथियारों का प्रदर्शन न करने के निर्देश दिए। साथ ही समस्याओं के निस्तारण का भरोसा दिलाया। 



मीटिंग में काशी जोन के चारों एसीपी, सभी थाना क्षेत्रों के प्रभारी निरीक्षक तथा क्षेत्र के सम्मानित नागरिक और ताजियादार भी उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों से आए ताजियादारों और नागरिकों ने अपने-अपने इलाकों की समस्याएं पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखीं। इनमें इमाम चौकों की बिजली व्यवस्था, सीवर की खराबी, और टूटी हुई सड़कों जैसी समस्याएं प्रमुख रहीं।


एडीसीपी टी. सरवन ने स्पष्ट किया कि ताजिया की ऊंचाई पिछले वर्ष के अनुसार ही रखी जाएगी। अखाड़ों के जुलूस पारंपरिक स्वरूप में निकाले जाएंगे और इनमें किसी प्रकार के असलहे या हथियारों का प्रदर्शन पूरी तरह से वर्जित रहेगा। प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि मोहर्रम शुरू होने से पहले सभी संबंधित विभागों मसलन  नगर निगम, जल निगम और बिजली विभाग को पत्र भेजकर आवश्यक मरम्मत और सफाई कार्यों को समय रहते पूरा कराया जाएगा, ताकि पर्व के दौरान कोई असुविधा न हो।


पुलिस अधिकारियों ने बैठक में उपस्थित लोगों से आपसी सहयोग और संवाद बनाए रखने की अपील की और कहा कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में मोहर्रम मनाया जाना काशी की परंपरा का हिस्सा है। जानकारी दी कि बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई और सभी ने प्रशासन को सहयोग का भरोसा दिलाया। इस दौरान शकील अहमद जादूगर व अन्य मौजूद रहे।

Thursday, June 26, 2025

65 वर्षीय बुजुर्ग का पुत्र ही निकला उसका हत्यारा, पुलिस ने 10 नामजद लोगों को दिया जीवन दान

गोरखपुर: अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों ना हो वह पुलिस की पकड़ से बच नहीं सकता है, गोरखपुर के एसएसपी राज करन नैय्यर की सूझबूझ एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी चौरी चौरा अनुराग कुमार की निष्पक्ष जांच में सामने आया कि 65 वर्षीय मृतक राजेंद्र यादव की हत्या उसके अपने ही पुत्र धर्मेंद्र यादव ने की थी। पुलिस ने इस संबंध में धर्मेंद्र यादव की तहरीर पर 10 नामजद समेत चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन कर रही थी।


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घटना के सीन रीक्रिएशन और साइंटिफिक तरीके की जांच में पुलिस ने पाया कि मृतक राजेंद्र यादव की हत्या उसके किसी करीबी नहीं की थी, इसी एंगल पर पुलिस मामले की जांच कर रही थी आखिरकार पुलिस मृतक राजेंद्र यादव के पुत्र धर्मेंद्र यादव को पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ किया तो उसने घटना कबूल की पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत खराब रहती थी वह काफी दिन से घर पर ही रह रहा था उसके पिता द्वारा बाहर जाकर पैसे कमाने हेतु डाटा फटकार जा रहा था जिस बात से नाराज होकर उसने कुल्हाड़ी से मार कर अपने पिता की हत्या कर दी और खुद वादी बनाकर गांव के ही अन्य लोगों के विरुद्ध हत्या करने का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाने चौरी चौरा पर प्रार्थना पत्र देखकर मुकदमा दर्ज कराया था।

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घटना का खुलासा पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एसएसपी राज करन नैय्यर ने किया। उन्होंने बताया कि पुलिस की निष्पक्ष जांच की वजह से घटना का सही खुलासा हुआ है और 10 निर्दोष लोगों को बचाने में पुलिस ने सफलता हासिल किया है। घटना का खुलासा करने वाले में चौरीचौरा थाना प्रभारी वेद प्रकाश शर्मा ,उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार सिंह ,उपनिरीक्षक अनिश सिंह ,उप निरीक्षक रजनीश मिश्रा, उपनिरीक्षक अभिषेक यादव ,कांस्टेबल आजाद अली, विकास सिंह, हेमंत, महिला कांस्टेबल शाहीन परवीन शामिल रही।

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सुदृढ़ कानून व्यवस्था के लिए हर थाने में 25-25 सिपाही की होगी तैनाती

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के सभी थानों में 25-25 सिपाहियों की तैनाती की जाएगी। पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी में भी यह प्रणाली लागू होगी। पिछले दिनों नियुक्ति पत्र पाने वाले रंगरूटों को ट्रेनिंग के बाद थानों में तैनाती दी जाएगी। नए भर्ती होने वाले सिपाही अगले 30-40 सालों तक सेवा देते रहेंगे। ऐसे में कानून व्यवस्था सुदढ़ होगी। 


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डीजीपी राजीव कृष्ण ने मंगलवार को वाराणसी की रिजर्व पुलिस लाइंस में प्रशिक्षु सिपाहियों के ज्वाइनिंग ट्रेनिंग कोर्स का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सिपाहियों की ट्रेनिंग सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रदेश पुलिस की भावी संरचना को दिशा देने वाला ऐतिहासिक अवसर है। इसे पूरी क्षमता, प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता के साथ क्रियान्वित किया जाए। 

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डीजीपी ने पुलिस लाइंस परिसर स्थित प्रशिक्षण भवन, परिसर बैरक, मेस, शैक्षणिक सुविधाओं, कैंटीन, लॉजिस्टिक्स आदि का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया, अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था एवं मुख्यालय) शिवहरी मीणा, अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।

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